राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) के प्रमुख शरद कुमार के एक बयान पर भारत और पाकिस्तान के बीच विवाद पैदा हो गया है। एनआईए प्रमुख ने कथित तौर बयान दिया था कि पठानकोट हमले के लिए जैश-ए-मोहम्मद की मदद में पाकिस्तान सरकार या इसकी किसी एजेंसी का कोई हाथ नहीं है।
बॉलीवुड में कौन है जो नहीं चाहता कि उसकी बराबरी सलमान खान से हो। लेकिन जब रणदीप हुड्डा को बराबरी की कोई बात नहीं सूझी तो उन्होंने कहा कि उनमें और सलमान खान में सेंस ऑफ ह्यूमर एक जैसा है।
पाकिस्तान के परमाणु कार्यक्रम के जनक डॉ.अब्दुल कादिर खान ने कहा कि पाकिस्तान 1984 में ही परमाणु शक्ति बन गया होता लेकिन तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल जिया उल हक ने इस पहल का विरोध किया था। खान ने कहा कि रावलपिंडी के नजदीक कहूटा से भारत की राजधानी दिल्ली को 5 मिनट में निशाना बनाने की क्षमता पाकिस्तान के पास है।
इरफान खान भी अभिनय के ऐसे मुकाम पर पहुंच चुके हैं जहां दूसरे कलाकार उनके साथ काम करना पसंद करते हैं। लेकिन जब कंगना ने इरफान के साथ काम करने की एक वजह बताई तो इरफान ने कंगना को बहुत खूबसूरती से जवाब दे दिया।
सलमान खान का क्रेज हमेशा से ही रहता है। लेकिन उन्होंने कहा कि वह एक्शन में ही ठीक लगते हैं। उनसे रितिक रोशन और टाइगर श्रॉफ जैसा नृत्य करने की उम्मीद नहीं की जानी चाहिए। वैसे सलमान यह ठीक कह रहे हैं क्योंकि वैसे भी उन्हें नाचने से ज्यादा लोगों को (इशारों पर) नचाना ज्यादा भाता है।
अमेरिका में मुस्लिमों का प्रवेश अस्थायी तौर पर प्रतिबंधित करने की बात कह चारों ओर से आलोचना का सामना करने वाले डोनाल्ड ट्रंप अब अपने कट्टर रूख में कुछ नरमी लाते दिखाई पड़ रहे हैं। उन्होंने कहा है कि उनका बयान समस्या को निपटा लिए जाने तक के लिए महज एक सुझाव ही था।
हिट एंड रन केस के मामले में सलमान खान की मुश्कलें फिर बढ़ सकती हैं। साल 2002 में हुए इस हादसे में घायल व्यक्ति ने सुप्रीम कोर्ट में अपील कर बंबई उच्च न्यायालय द्वारा खान को बरी करने के फैसले को चुनौती दी है।
राष्ट्रपति पद के चुनाव में रिपब्लिकन उम्मीदवारी के शीर्ष दावेदार डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर अपनी मुस्लिम विरोधी नीति को हवा देने की कोशिश की। सोमवार को ट्रंप ने हाल ही में लंदन के मेयर चुने गए सादिक खान को अपने राष्ट्रपति बनने पर अमेरिका में प्रवेश की इजाजत देने की बात कह फिर से विवाद खड़ा कर दिया।
प्रतिबंधित संगठन जैश-ए-मोहम्मद (जेईएम) के प्रति वैचारिक रुझान रखने के संदेह में दिल्ली पुलिस द्वारा हिरासत में लिए गए 10 युवकों को पर्याप्त सबूतों के अभाव में रिहा कर दिया गया है। हिरासत में लिए गए अन्य चार युवकों को शनिवार को ही रिहा कर दिया गया था।