देश के संवैधानिक प्रमुख की हैसियत से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राजधानी दिल्ली में गहराते संवैधानिक संकट को देखते हुए अब और निष्क्रियता और चुप्पी की आरामतलबी गवारा नहीं कर सकते। केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना और आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के उसके खिलाफ विधान सभा का सत्र बुलाने के निर्णय से केंद्र और दिल्ली सरकार का टकराव अब उस कगार पर पहुंच गया है कि बिना न्यायपालिका या राष्ट्रपति जैसी उच्च संवैधानिक संस्थाओं की पंचायती के किसी परिपक्व संवैधानिक हल की उम्मीद नहीं।
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता जयराम रमेश के अनुसार राहुल गांधी इस साल कांग्रेस के अध्यक्ष बन सकते हैं और वह क्षेत्रीय चेहरों को आगे बढ़ाकर भारत की इस सबसे पुरानी पार्ट को उसकी ताकत और उसके अतीत का गौरव वापस दिला सकते हैं।
क्या बिना मीट परोसे आप किसी को सिर्फ मीट मसाला खिला सकते हैं? कूटनीतिक और राजनयिक समाचार कथाओं के संदर्भ में भारतीय मीडिया अक्सर यही करता है। वह मसाला चखाने के चक्कर में मीट परोसना भूल जाता है। विदेश नीति और राजनय से संबंधित घटनाक्रम अक्सर आम जनजीवन से इतने दूर और ओट में होते हैं कि आम दर्शक अमूमन मसाले को ही मीट समझने की भूल कर बैठता है। इसलिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा की राजनयिक कथा में मंगोलिया दौरे की उपकथा की अहमियत भारतीय मीडिया की नजरों से ओझल रही और यह अहम उपकथा आम भारतीय दर्शक या पाठक की प्लेट में परोसी ही नहीं गई।
लुइसियाना से भारतीय अमेरिकी गवर्नर बॉबी जिंदल ने व्हाइट हाउस पर अपनी नजर रखते हुए एक अन्वेषण समिति गठित की है जो वर्ष 2016 में अमेरिकी राष्ट्रपति पद की दावेदारी के लिए एक रिपब्लिकन उम्मीदवार के तौर पर उनकी चुनौती को मजबूत करने की संभावना टटोलेगी।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तीन देशों की यात्रा के अंतिम चरण के तहत सोमवार को दक्षिण कोरिया पहुंच गए है। अपनी इस यात्रा के दौरान वह दक्षिण कोरियाई नेतृत्व के साथ आर्थिक एवं व्यापार सहयोग को बढ़ावा देने से जुड़े विषयों पर वार्ताएं करेंगे।
चीन दौरे के बाद शनिवार को मंगोलिया पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दोनों देशों के बीच कई अहम समझौतों का ऐलान किया है। इसके तरह भारत की ओर से मंगोलिया को 100 करोड़ डॉलर (करीब 6300 करोड़ रुपए) का ऋण दिया जाएगा। रविवार को मोदी ने मंगोलिया की संसद को भी संबोधित किया।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की चीन यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच 10 बिलियन डॉलर यानी करीब 63 हजार करोड़ रुपये के 24 समझौते हुए हैं। इनमें रेल, खनन, पर्यटन, अंतरिक्ष अनुसंधान और व्यावसायिक शिक्षा से जुड़े समझौते शामिल हैं। चीन भारतीय शहर चेन्नई में अपना वाणिज्य दूतावास खोलेगा जबकि भारत चीन के शहर शेंग्दू में वाणिज्य दूतावास खोलने पर सहमत हुआ है।