Advertisement

Search Result : "Mumbai ex-CP Sanjay Pandey"

राजकमल चौधरी का रचना संसार

राजकमल चौधरी का रचना संसार

राजकमल प्रकाशन से आठ खंडों में प्रकाशित राजकमल चौधरी रचनावली के प्रथम दो खंडों में कविता, तीसरे-चौथे खंड में कथा, पांचवे-छठे खंड में उपन्यास, सातवें खंड में निबंध-नाटक और अंतिम खंड में पत्र-डायरी को शामिल किया गया है।
डूबते जहाज से नौसेना ने बचाई 20 लोगों की जान

डूबते जहाज से नौसेना ने बचाई 20 लोगों की जान

नौसेना के हेलीकॉप्‍टर ने महाराष्‍ट्र के वसई तट के नजदीक 20 लोगों को डूबने से बचा लिया। ये लोग जिंदल कामाक्षी नाम के जहाज पर सवार थे जो डूब रहा है।
पानी-पानी मुंबई, दोषी कौन

पानी-पानी मुंबई, दोषी कौन

शुक्रवार को देश की आर्थिक राजधानी मुंबई की सारी गतिविधियां अचानक से रुक गईं। लगातार 24 घंटे की भारी बारिश और समुद्र में उठे ज्वार ने मुंबई की सड़कों और लोकल ट्रेन की पटरियों में इतना पानी भर दिया कि पूरे शहर में बाढ़ के हालात बन गए। लोकल के पहिये तो तत्काल थम ही गए, सड़कों पर भी गाड़ियां जहां-तहां खड़ी हो गईं। इसके साथ ही यह सवाल एक बार फिर से पूछा जाने लगा कि अगर शहर मानसून की पहली बारिश भी नहीं झेल पाया तो इसके लिए कौन जिम्मेदार है।
मुंबई पानी-पानी, ट्रेनें रद्द, 10 हजार यात्री परेशान

मुंबई पानी-पानी, ट्रेनें रद्द, 10 हजार यात्री परेशान

मुंबई और इसके उपनगरों में मूसलाधार बारिश से आज जनजीवन ठप हो गया। भारी बारिश के कारण लोकल ट्रेनों की सेवाएं रद्द हो गईं जिससे हजारों मुसाफिर फंस गए। हालात में फिलहाल सुधार होने के कोई आसार नहीं हैं क्योंकि मौसम विभाग ने कुछ इलाकों में भारी से बहुत भारी मानसूनी बारिश का पूर्वानुमान जताया है।
विश्व ट्वेंटी-20 पर आईसीसी और बीसीसीआई में मतभेद

विश्व ट्वेंटी-20 पर आईसीसी और बीसीसीआई में मतभेद

अगले साल भारत में होने वाले विश्व ट्वेंटी-20 क्रिकेट प्रतियोगिता के लिए अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) और भारतीय क्रिकेट नियंत्रण बोर्ड (बीसीसीआई) के बीच मैचों के स्‍थानों की संख्या को लेकर मतभेद बना हुआ है।
मम्मा की डायरी के बहाने

मम्मा की डायरी के बहाने

इंडिया हैबिटेट सेंटर का केसोरिना हॉल। जब हम पहुंचे तो हॉल में गिनती के लोग। देखते ही देखते हॉल में बच्चों की शैतानियां शुरू हो गईं। मम्मियों की आंखें लाल होने लगीं और इस सबके बीच सज गया मंच, ‘मम्मा की डायरी’ पर बातों के लिए। नताशा ने संचालन का जिम्मा उठाया और लेखिका अनु सिंह चौधरी ने बातों की भूमिका बांधी। एक सवाल के साथ, ‘मैं मां न होती तो न जाने क्या होती?’ औपचारिक शुरुआत दिल्ली विश्वविद्यालय के कुछ छात्रों की बनाई फिल्म, ‘आओगी न मां’ से हुई। संवाद के तौर-तरीके चिट्ठी-पत्री से बदल कर ईमेल तक पहुंचे।
वाणी का 51वां स्थापना दिवस

वाणी का 51वां स्थापना दिवस

वाणी प्रकाशन के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर एनेक्स में ‘एथनोग्रफिक-हिस्ट्री-ऑफ-बुक्स बनाम कहानी-किताब-की’ कार्यक्रम हुआ। वक्ताओं में आशीष नंदी, मृणाल पांडे और अभय कुमार दूबे थे। कार्यक्रम की शुरुआत वाणी के निदेशक अरुण महेश्वरी ने की। यह कार्यक्रम वाणी प्रकाशन के इक्क्यावनवें स्थापना दिवस पर आयोजित किया गया था।