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रोहिंग्या मुस्लिमों पर UN की आलोचना पर भारत का जवाब, सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं कर सकते

रोहिंग्या मुस्लिमों पर UN की आलोचना पर भारत का जवाब, सुरक्षा को नजरअंदाज नहीं कर सकते

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने कहा है कि म्यामांर के रखाइन प्रांत में ताजा हिंसा की वजह से 25 अगस्त से अब तक 3,13,000 रोहिंग्या बांग्लादेश की सीमा में दाखिल हो चुके हैं।
ब्रिक्स सम्मेलन में पहली बार लिया गया जैश-लश्कर जैसे आतंकी संगठनों का नाम

ब्रिक्स सम्मेलन में पहली बार लिया गया जैश-लश्कर जैसे आतंकी संगठनों का नाम

नौवें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आतंकवाद का मुद्दा उठाया। साथ ही, ब्रिक्स के बाकी सदस्य देशों के नेताओं ने भी आतंकवाद की कड़ी निंदा की और इसके किलाफ ऐक्शन लेने की जरूरत पर जोर दिया।
मिसाल: मुस्लिम परिवार ने हनुमान मंदिर के लिए दान की अपनी जमीन

मिसाल: मुस्लिम परिवार ने हनुमान मंदिर के लिए दान की अपनी जमीन

साम्प्रदायिक सौहार्द की मिसाल पेश करते हुए मध्य प्रदेश में 34 वर्षीय एक मुस्लिम व्यक्ति ने हनुमान मंदिर के लिए अपनी जमीन दान में दी।
तीन तलाक: SC के फैसले का मुस्लिम संगठनों ने किया स्वागत, कहा- यह इस्लाम की जीत

तीन तलाक: SC के फैसले का मुस्लिम संगठनों ने किया स्वागत, कहा- यह इस्लाम की जीत

तीन तलाक मामले पर सुप्रीम कोर्ट के पांच में से तीन जजों के असंवैधानिक करार दिए जाने के बाद लोगों में इस फैसले को लेकर खुशी की लहर दौड़ उठी है।
प्रशांत भूषण का दावा, मुस्लिमों ने लिखे आजादी के सारे नारे-तराने, कहां थे हिंदू?

प्रशांत भूषण का दावा, मुस्लिमों ने लिखे आजादी के सारे नारे-तराने, कहां थे हिंदू?

प्रशांत भूषण जब भी कुछ कहते हैं, विवादों में आ जाते है। कश्मीर जनमत संग्रह पर दिए गए बयान पर तो उनके साथ हाथापाई भी हो गई थी।
क्या हिंसक भीड़ का कोई धर्म होता है?

क्या हिंसक भीड़ का कोई धर्म होता है?

'आवारा भीड़ के खतरे' नामक शीर्षक के अपने निबंध में हिन्दी साहित्य जगत के मूर्धन्य निबंधकार हरिशंकर परसाई जी लिखते हैं, "दिशाहीन, बेकार, हताश, नकार वादी और विध्वंस वादी युवकों की यह भीड़ खतरनाक होती। इसका उपयोग खतरनाक विचारधारा वाले व्यक्ति या समूह कर सकते हैं। इसी भीड़ का उपयोग नेपोलियन, हिटलर और मुसोलिनी जैसे लोगों ने किया था।"
नॉट इन माइ नेम: ‘यह प्रदर्शन सिर्फ जुनैद के लिए नहीं है’

नॉट इन माइ नेम: ‘यह प्रदर्शन सिर्फ जुनैद के लिए नहीं है’

मॉब लिचिंग के खिलाफ देशभर में बुधवार को प्रदर्शन हुआ। सामाजिक कार्यकर्ता, पत्रकार, सहित फिल्मी जगत के लोगों ने अल्पसंख्यकों पर हो रहे हमलों का पुरजोर विरोध किया। साथ ही मॉब लिचिंग के खिलाफ कानून बनाने की मांग रखी।
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