बिहार में चल रहे सियासी शक्ति प्रदर्शन के बीच राजद सुप्रीमो लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने सोशल मीडिया पर नीतीश-मोदी की दोस्ती को लेकर पुराना मुद्दा उठाया है।
बिहार के हरनौत में स्वतंत्रता सेनानी के घर पैदा हुए नीतीश को बचपन में मुन्ना कहा जाता था। नीतीश के पिता आयुर्वेद का काम भी करते थे और नीतीश उनका साथ देते थे और दवा की पुड़िया बांधते थे। उनके पिता कांग्रेस से जुड़े रहे थे। उनके पिता ने 1952 और 57 के आम चुनाव में कांग्रेस से टिकट मांगा लेकिन कांग्रेस ने मना कर दिया। इस वजह से उनके पिता बाद में कांग्रेस छोड़कर जनता पार्टी के साथ चले गए थे।
आज देश के 14वें राष्ट्रपति के लिए मतदान शुरू हो चुका है। इस रेस में एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद का मुकाबला विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार से है। हालांकि इस चुनाव में रामनाथ कोविंद का पलड़ा भारी है वहीं विपक्षी उम्मीदवार मीरा कुमार भी कड़ी टक्कर देने के लिए मैदान पर हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, भाजपा के नेता मुरली मनोहर जोशी समेत कई नेताओं ने मतदान कर दिया है।
एनडीए कोविंद की बड़ी जीत तय करने के लिए विपक्ष के वोटों में सेंध लगाने की रणनीति बना रहा है। इस सिलसिले में शाम को एक अहम बैठक भी होगी जिसमें जीत के लिए मास्टर प्लान बनाया जाएगा।
पिछले कुछ दिनों से पीएम नरेंद्र मोदी और उनकी सरकार पर लगातार हमला बोलने वाले कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर नए ढंग से ट्वीट करते हुए केंद्र की एनडीए सरकार पर तंज कसा है।
राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए की तरफ से राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद ने शुक्रवार को अपना नामांकन दाखिल किया। नामांकन के बाद कोविंद ने कहा कि राष्ट्रपति का पद दलगत राजनीति से ऊपर होना चाहिए।
राष्ट्रपति चुनाव में एकजुटता दिखाने के विपक्ष के मंसूबे पर पानी फिरता दिख रहा है। नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल (यूनाईटेड) ने राष्ट्रपति चुनाव में एनडीए के उम्मीदवार रामनाथ कोविंद को समर्थन देने का ऐलान किया है।
बीजेपी संसदीय बोर्ड की बैठक के बाद भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने एनडीए के राष्ट्रपति उम्मीदवार के नाम की घोषणा कर दी है। बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद एनडीए के उम्मीदवार होंगे।
राष्ट्रपति चुनाव में दलित समाज से जुड़े बिहार के राज्यपाल रामनाथ कोविंद को आगे कर भाजपा ने एक तीर से कई निशाने साधे हैं। दलित समुदाय से ताल्लुक रखने वाले कोविंद की उम्मीदवारी के मुद्देे पर विपक्ष भी उलझन में पड़ा सकता है। यहां तक कि बसपा प्रमुख मायावती भी सीधे तौर पर उनका विरोध नहीं कर पा रही हैं।