देश के संवैधानिक प्रमुख की हैसियत से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी राजधानी दिल्ली में गहराते संवैधानिक संकट को देखते हुए अब और निष्क्रियता और चुप्पी की आरामतलबी गवारा नहीं कर सकते। केंद्रीय गृह मंत्रालय की अधिसूचना और आम आदमी पार्टी की दिल्ली सरकार के उसके खिलाफ विधान सभा का सत्र बुलाने के निर्णय से केंद्र और दिल्ली सरकार का टकराव अब उस कगार पर पहुंच गया है कि बिना न्यायपालिका या राष्ट्रपति जैसी उच्च संवैधानिक संस्थाओं की पंचायती के किसी परिपक्व संवैधानिक हल की उम्मीद नहीं।
दिल्ली में उपराज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के बीच छिड़े विवाद में केंद्र सरकार के भी कूद पड़ने पर उद्योग संघ ने कड़ी टिप्पणी की है। एसोचैम के महासचिव डी. एस. रावत का कहना है कि राष्ट्रीय राजधानी की जनता ने अपनी बुनियादी जरूरतों के लिए केजरीवाल सरकार को चुना है, लोगों को संविधान में लिखे शब्दों से कोई लेना-देना नहीं है।
दिल्ली के संवैधानिक संकट के मसले पर आज केंद्रीय गृहमंत्री राजनाथ सिंह राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी से मिलेंगे। अगर आज भी यह मामला नहीं सुलझा तो दिल्ली का संवैधनिक संकट और गहरा जाएगा। उधर दिल्ली सरकार और अफसरों के बीच तनातनी बढ़ती जा रही है। इस बीच दिल्ली सरकार ने संकेत दिए हैं कि अगर अफसरों की मनमानी और केंद्र सरकार का दखल ऐसा ही रहा तो सरकार विशेषज्ञों की राय से सरकार चला सकती है।
आप सरकार से टकराव बढ़ाते हुए उपराज्यपाल नजीब जंग ने सरकार द्वारा पिछले चार दिन में की गई सभी नियुक्तियों को आज रद्द कर दिया और कहा कि नौकरशाहों के स्थानांतरण और नियुक्ति का आदेश देने के मामले में अधिकार केवल उनके पास हैं।
दिल्ली में आम आदमी पार्टी की सरकार और उपराज्यपाल के बीच विवाद गहराता जा रहा है। मुख्यमंत्री अपनी ताकत दिखाना चाह रहे हैं तो उपराज्यपाल अपनी। इस जोर-आजमाइश के खेल में अधिकारियों को मोहरा बनाया जा रहा है। दोनों ही तरफ से आदेश जारी किए जा रहे हैं। जिससे लेकर दिल्ली में संवैधानिक संकट खड़ा होता दिख रहा है। दिल्ली सरकार ने संविधान विशेषज्ञों से भी राय लेनी शुरू कर दी है।
मौसम की गर्मी के साथ दिल्ली का सियासी पारा भी चरम पर पहुंच चुका है। इसकी गर्माहट रायसीना हिल पर बसे राष्ट्रपति भवन में तब ज्यादा महसूस की गई जब दिल्ली के उपराज्यपाल और मुख्यमंत्री ने बारी-बारी से राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी से मुलाकात कर एक-दूसरे की जमकर शिकायत की।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने उप राज्यपाल की ओर से नियुक्त कार्यवाहक मुख्य सचिव शकुंतला गैमलिन पर बिजली कंपनियों के लिए लॉबिंग के गंभीर आरोप लगाए हैं। केजरीवाल का कहना है कि वह 10 दिन तक गैमलिन के कामकाज पर नजर रखेंगे और कोई गलत काम नहीं होने देंगे।
दिल्ली के सत्ता प्रतिष्ठान में अपनी सर्वोच्चता साबित करने के लिए मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल और उप राज्यपाल नजीब जंग के बीच का टकराव बढ़ता ही जा रहा है। टकराव के ताजा घटनाक्रम में मुख्यमंत्री अरविन्द केजरीवाल ने वरिष्ठ नौकरशाह शकुंतला गैमलिन से कहा है कि वह कार्यवाहक मुख्य सचिव का कार्यभार नहीं संभालें।
राजीव गांधी हत्याकांड से जुड़े कई प्रश्न आज भी जिंदा हें। कई लोग भी इन सवालों के घेरे में आए। राजीव गांधी की 24वीं पुण्यतिथि इक्कीस मई से पूर्व इस हत्याकांड से जुड़े सवालों पर नजर