खेल पंचाट के फैसले के बाद रियो ओलंपिक में देश का प्रतिनिधित्व करने का पहलवान नरसिंह यादव सपना टूट गया लेकिन उन्होंने आज कहा कि वह अपनी बेगुनाही साबित करने के लिए हरसंभव प्रयास करेंगे।
पहलवान नरसिंह यादव को राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी से मिली क्लीन चिट को खेल पंचाट द्वारा खारिज किये जाने के बाद भारतीय ओलंपिक संघ ने उसे ओलंपिक से बाहर करने और चार साल के प्रतिबंध के लिये अग्यात हमवतनों को दोषी ठहराया है।
पड़ोसी देश पाकिस्तान भी इन दिनों अपने स्वतंत्रता दिवस की सत्तरवीं वर्षगांठ के उत्साह में है। वहां यह जश्न हम से एक दिन पहले मनाया जाता है। हर बार की तरह इस बार भी पाकिस्तान में शहीदों को याद करते समय भगत सिंह की शान में भी खूब कसीदे पढ़े गए।
पहलवान नरसिंह यादव के लिए सोमवार को खुशी की खबर आई। नाडा ने प्रतिबंधित दवाओं के सेवन को लेकर उन पर लगाया बैन हटा दिया है। इस तरह उनके रियो जाने का रास्ता साफ हो गया है। राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी (नाडा) ने कहा कि नरसिंह के ड्रिंक में मिलावट की गई थी। इसके बाद नाडा ने नरसिंह यादव को संदेह का लाभ देते हुए उनके रियो जाने पर से प्रतिबंध हटा दिया।
भारतीय गेंदबाज अमित मिश्रा ने पहले टेस्ट में भले ही ज्यादा विकेट नहीं चटकाये हों लेकिन इस लेग स्पिनर ने कहा कि उन्होंने एक छोर से वेस्टइंडीज के बल्लेबाजों पर दबाव बनाकर अपनी भूमिका अच्छी तरह निभायी।
भारतीय कुश्ती संघ के अध्यक्ष ब्रजभूषण सिंह ने कहा है कि नरसिंह यादव के खाने में दवा मिलाने की बात सहीं है। उन्होंने कहा कि सोनीपत कैंप में खाने में दवाई मिलाई गई। मिलाने वाले आरोपी की पहचान कर ली गई है।जिस आरोपी की पहचान की गई है, वह एक सीनियर अंतरराष्ट्रीय खिलाड़ी का भाई है।
ब्राजील में रियो ओलंंपिक अभी शुरू नहीं हुआ है पर भारत को झटके लगने लगे हैं। 74 किलोग्राम वर्ग के पहलवान नरसिंह यादव डोपिंग टेस्ट में फेल हो गए हैं। राष्ट्रीय डोपिंग निरोधक एजेंसी के महानिदेशक नवीन अग्रवाल ने पुष्टि की कि नरसिंह के बी नमूने में भी प्रतिबंधित स्टेरायड के अंश पाये गए हैं। भारत के कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) ने नरसिंह के रियो ओलम्पिक में हिस्सा लेने पर रोक लगा दी है।
रविंद्र जडेजा, रविचंद्रन अश्विन और अमित मिश्रा की स्पिन तिकड़ी के दम पर भारत ने दूसरे और आखिरी अभ्यास मैच के पहले दिन वेस्टइंडीज बोर्ड अध्यक्ष एकादश को सिर्फ 180 रन पर समेट दिया।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने स्पष्ट किया कि राष्ट्रीय खेल संहिता और केंद्र के अनुसार भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के लिए रियो ओलंपिक 2016 में पहलवानों के चयन के लिए ट्रायल कराना अनिवार्य नहीं है। फिर भी अदालत ने कहा कि उसने इस मामले में लंबी बहस सुनी है और वह फैसला देगी। उसने खिलाड़ी की याचिका पर फैसला सुरक्षित रखा।