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क्या ओली हो जाएंगे नेपाल के प्रधानमंत्री

क्या ओली हो जाएंगे नेपाल के प्रधानमंत्री

नेपाल में अर्से से लंबित संविधान क्या इस माह के अंत तक लागू हो पाएगा इसको लेकर नेपाल के सियासी गलियारे में चर्चाएं तेज हैं। क्योंकि संविधान लागू होते ही नेपाली कांग्रेस और सीपीएन-यूएमएल के साथ हुए समझौते के मुताबिक सीपीएन-यूएमएल के नेतृत्व में नई सरकार का गठन होगा और इसके नेता केपी ओली नेपाल के नए प्रधानमंत्री बनेंगे।
अब मिस्र में आईएस का कहर, 60 मरे

अब मिस्र में आईएस का कहर, 60 मरे

मिस्र में अशांत सिनाई प्रायद्वीप में आईएस के हथियारबंद आतंकवादियों ने बुधवार को विभिन्न सैन्य चौकियों पर तीन आत्मघाती बम हमलों समेत एक साथ कई हमले किए जिनमें मिस्र के कम से कम 60 जवान मारे गए। यह इलाके में अब तक हुए सबसे बड़े हमलों में से एक है।
हिंदू राष्ट्र नहीं धर्मनिरपेक्ष होगा नेपाल

हिंदू राष्ट्र नहीं धर्मनिरपेक्ष होगा नेपाल

नेपाल के राजनीतिक दल नए संविधान को अंगीकार करने के मुहाने पर पहुंच गए हैं। नेपाल की संविधान मसौदा समिति ने एक बड़ी सफलता के तहत लंबे समय से लंबित संविधान के प्रथम मसौदे को मंजूरी दे दी है। इस संविधान के लागू हो जाने पर नेपाल को एक धर्मनिरपेक्ष, समावेशी और विविध जातीय देश के रूप में पहली बार मान्यता मिलेगी।
56 इंच की जुबान का रक्षा सिद्धांत

56 इंच की जुबान का रक्षा सिद्धांत

म्‍यांमार सीमा पर हाल की सैन्‍य कार्रवाई से जुड़े तथ्यों में जाहिर अंतर्विरोध सरकारी सुरक्षा प्रचार तंत्र की बखिया बखूबी उधेड़ते हैं।
म्यांमार का दावा, उसकी सीमा में नहीं मारे गए उग्रवादी

म्यांमार का दावा, उसकी सीमा में नहीं मारे गए उग्रवादी

पिछले दो दिनों से भारतीय सेना की ऐतिहासिक कार्रवाई पर अपनी पीठ थपथपा रही केंद्र सरकार की खुशियों पर म्यांमार ने पानी फेर दिया है। म्यांमार के राष्ट्रपति कार्यालय से जारी बयान में इस बात का खंडन किया गया है कि भारतीय सेना ने उसकी सरजमीं पर कोई कार्रवाई करते हुए उग्रवादियों को ढेर किया है। म्यांमार सरकार का यह भी दावा है कि उसकी सेना ने भारतीय सेना को किसी तरह की मदद नहीं की है।
भारतीय सेना ने म्यांमार में घुसकर मारे उग्रवादी

भारतीय सेना ने म्यांमार में घुसकर मारे उग्रवादी

पिछले दिनों मणिपुर में भारतीय सेना के 18 जवानों को मौत के घाट उतारने वाले आतंकियों को भारतीय सेना ने म्यांमार की सीमा में घुसकर मार डाला। यह कार्रवाई म्यांमार की सेना के सहयोग से चलाई गई।
नेपाल के पुनर्निर्माण का सवाल

नेपाल के पुनर्निर्माण का सवाल

25 अप्रैल को नेपाल में आए भूकंप से व्यापक तबाही हुई है। इससे नेपाल में महात्रासदी की स्थिति पैदा हो गई है। भूकंप के एक माह से ज्यादा समय गुजर जाने के बाद लगातार कंपन जारी है। बारह अप्रैल को 7.3 रेक्टर की तीव्रता ने स्थिति को जटिल बनाने के साथ ही लोगों का सामान्य जीवन तबाह कर दिया है। भारी संख्या में लोग खुले आसमान के नीचे राते गुजारने के लिए बाध्य हैं। पीड़ितों के पास अब तक पर्याप्त राहत सामग्री नहीं पहुंच पाई है। दूर-दराज के क्षेत्रों में स्थिति और भी भयावह है। सरकारी मदद अब तक इन स्थानों तक नहीं पहुंची है। राज्य सरकारों की अनुपस्थिति ने शासकीय शून्यता को जन्म दिया है। वर्षों से वहां पर नौकरशाहों का राज है। स्थानीय स्तर पर निर्वाचित और उत्तरदायी शासन के अभाव ने राहत कार्यों में गंभीर स्थिति को जन्म दिया है।
नेपाल में टला बाढ़ का खतरा

नेपाल में टला बाढ़ का खतरा

नेपाल और भारत में बाढ़ का खतरा टल गया है क्योंकि भूस्खलन की वजह से नदी का रूका हुआ पानी सामान्य रूप से बहने लगा है। जिस मलबे ने इसे रोका हुआ था वह बह गया है।
नेपाल में सात ताजा झटके, 136 मरे

नेपाल में सात ताजा झटके, 136 मरे

नेपाल में भूकंप के सात झटकों ने एक बार फिर हिमालय क्षेत्र को दहला दिया है। ताजा झटकों में मरने वालों की संख्या 136 हो गई है। रिक्टर पैमाने पर 5. 7 की तीव्रता वाले भूकंप के झटके समूचे उत्तर बंगाल, बिहार और सिक्किम में आज शाम पांच बजकर पांच मिनट पर महसूस किए गए। भूकंप प्रभावित नेपाल में राहत अभियान के दौरान पर्वतीय क्षेत्र में दुर्घटनाग्रस्त अमेरिकी मरीन हे‌िलकाॅप्टर के मलबे से आठ सैनिकों के झुलसे हुए शव बरामद हुए हैं।
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