कालाधन के मामले में सरकार को बड़ी कामयाबी हासिल हुई है। कालेधन की घोषणा के लिए बनाए गए कंप्लायंस विंडो (अनुपालन खिड़की) के जरिये 31 दिसंबर तक विदेशों में अघोषित संपत्ति रखने वालों से 2,428.4 करोड़ रुपये का कर वसूला गया है। विंडो के तहत विदेशों में कालाधन रखने वालों द्वारा अघोषित संपत्ति के बारे में 600 से अधिक घोषणाएं की गईं।
भारत भर के तमाम पाठक, लेखक, प्रकाशक और पुस्तक मेले के प्रशंसक हर बरस मेले की बाट जोहते हैं। इस साल यह मेला हर साल की तरह प्रगति मैदान में 9 से 17 जनवरी 2016 को होगा।
न्यूजीलैंड के कप्तान ब्रेंडन मैकुलम ने मंगलवार को कहा कि वह आस्ट्रेलिया के खिलाफ फरवरी में होने वाली दो टेस्ट मैचों की शृंखला के बाद अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट को अलविदा कह देंगे।
निजी वाहनों के लिए सम और विषम नंबरों की योजना को लेकर व्यापक पैमाने पर जताई जा रही आशंकाओं के बीच दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा है कि इस योजना को सीमित समय के लिए आजमाया जाएगा और यदि लोगों को इससे समस्याएं होती हैं तो इसे रोक दिया जाएगा।
अमेरिका के न्यू ऑर्लियंस मैदान में एक संगीत वीडियो की शूटिंग के दौरान एकत्र सैकड़ों लोगों की भीड़ के बीच दो समूहों की ओर से एक दूसरे पर की गई गोलीबारी में कम से कम 16 लोगों के घायल होने की खबर है।
22 नवंबर को होने जा रही आईआईएफटी (इंडियन इंस्टीटयूट ऑफ फॉरेन ट्रेड) की प्रवेश परीक्षा में हजारों अभ्यर्थी भाग लेने जा रहे हैं लेकिन सबसे बड़ी कठिनाई कट-ऑफ लिस्ट को लेकर होती है। पिछले तीन साल के दौरान कट-ऑफ 48 से 36 के बीच रही है। ऐसे में छात्रों के सामने सबसे मुश्किल होता है कि अगर कट-ऑफ निकाल भी लिया तो अगले चरण में कैसे सफल हो यह मुश्किल हो जाता है।
क्रिकेट को वैश्विक खेल बनाने की कवायद में भारत के महान क्रिकेटर सचिन तेंदुलकर कल से शुरू हो रही तीन मैचों की पहली आल स्टार्स सीरिज के जरिये पहली बार अमेरिकी सरजमीं पर खेलेंगे। सचिन तेंदुलकर और आस्ट्रेलियाई स्पिनर शेन वार्न आज न्यूयार्क स्टाक एक्सचेंज की ओपनिंग बेल बजाएंगे और दुनिया के सबसे बड़े स्टाक एक्सचेंज में यह रस्म अदा करने वाले वे पहले क्रिकेटर हैं।
ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में चीन और अमेरिका से आने वाले छात्रों के बाद तीसरा स्थान भारतीय छात्रों का है जो ब्रिटेन की अर्थव्यवस्था में बड़ा योगदान कर रहे हैं। एक ताजा रपट में यह जानकारी दी गई है।
अमेरिकी मीडिया में आई इस खबर पर चुटकी लेते हुए कि अमेरिकी तकनीकी कंपनियों के लिए अगले बड़े मोर्चे के तौर पर भारत ने चीन की जगह ले ली है, सरकारी चाइना डेली ने एक आलेख में कहा है कि भारत उस मुकाम तक भी नहीं पहुंच पाया है, जहां चीन पांच साल पहले था।