देश के 14वें राष्ट्रपति के तौर पर रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को अपने पद और गोपनीयता की शपथ ली। सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस खेहर ने संसद के केंद्रीय हाल में शपथ दिलाई। इसके बाद सम्मान में उन्हें 21 तोपों की सलामी दी गई।
कुमार विश्वास आजकल अपने यूट्यूब चैनल पर 'तर्पण' नाम से एक हिंदी के नामी कवियों को सांगीतिक श्रद्धांजलियाँ दे रहे हैं। प्रायः ये गीत उन्हीं के स्वर में होते हैं और उनपर ही फिल्माए गए हैं। नागार्जुन, निराला, महादेवी, दुष्यंत कुमार, भवानी प्रसाद मिश्र आदि रचनाकारों के क्रम में उन्होंने हरिवंश राय बच्चन की कविता 'नीड़ का निर्माण फिर फिर' को भी गाया। बच्चन जी के सुपुत्र अमिताभ बच्चन को यह हरकत नागवार गुजरी और उन्होंने पहले ट्विटर पर अपनी नाराजगी का इजहार किया और फिर कुमार विश्वास को कानूनी नोटिस भिजवा दिया।
संसद के दोनों सदनों में बुधवार को किसानों की खुदकुशी और अन्य मुद्दों को लेकर विपक्षी सदस्यों ने हंगामा किया। मंगलवार को भी विपक्ष के हंगामे के कारण दोनों सदनों की कार्यवाही बाधित हुई थी।
संसद में मानसून सत्र के तीसरे दिन एक ओर जहां विपक्ष ने किसान खुदकुशी के मुद्दे पर केंद्र की मोदी सरकार का घेराव किया। वहीं, सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव ने भी सदन में चीन के साथ चल रहे विवाद का मुद्दा उठाया है।
संसद की कैंटीन के खाने की तारीफ तो हम सभी ने सुनी है, लेकिन आज यहां के खाने में मकड़ी मिलने का मामला सामने आया है। इस खाने को खाने से लोकसभा के एक वरिष्ठ अधिकारी बीमार पड़ गए हैं।
मंगलवार को देश भर के किसानों का जमावड़ा दिल्ली के जंतर-मंतर पर हो रहा है। यहां किसान अपनी संसद लगाएंगे। मध्य प्रदेश के मंदसौर से शुरू हुई किसान मुक्ति यात्रा आज दोपहर दिल्ली पहुंचेगी।
मध्यप्रदेश के मंदसौर से दिल्ली पहुंची किसान मुक्ति यात्रा ने मंगलवार को जंतर-मंतर पर किसान मुक्ति संसद का आयोजन किया, जिसमें किसानों को फसल का लाभकारी मूल्य दिलाने और कर्ज मुक्ति के मुद्दे पर लड़ाई जारी रखने की घोषणा की गई। देश के विभिन्न हिस्सों से आए किसानों की आवाज संसद में भी बुलंद करने की बात कही गई। इस दौरान किसानों ने हाथ उठाकर आत्महत्या मुक्त भारत बनाने का संकल्प भी लिया।
संसद का मानसूत्र सत्र सोमवार से प्रारंभ हो रहा है। हालांकि आज संसद दोनों सदनों के वर्तमान सदस्यों के निधन के मद्देनजर उन्हें श्रद्धांजलि देने के बाद दिनभर के लिये स्थगित हो जायेगी लेकिन इसके बाद कई मुद्दों पर विपक्षी दल सरकार को घेरने से पीछे नहीं हटेंगी।