राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली स्थित भागीरथ पैलेस के कारोबारियों ने एक बड़ा फैसला लेते हुए चीन के बने सामान नहीं बेचने का फैसला लिया है। पिछले कुछ दिनों से देश के विभिन्न वर्गों की तरफ से चीनी सामानों के बहिष्कार की मांग की जा रही है।
पाकिस्तान पर भारत के सर्जिकल हमले के बाद इस साल त्योहारों के दौरान चीनी वस्तुओं की बिक्री प्रभावित होने की आशंका है। दशहरा-दीपावली के बीच सजावट के सामान, बिजली के आइटम व पटाखा बेचने वाले थोक कारोबारियों के मुताबिक चीनी आइटम की बिक्री में 20 फीसदी की कमी आने पर भी उन्हें खासा नुकसान हो सकता है।
श्रीलंका के प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे ने आज कहा कि भारत और चीन ऐसे देश हैं जो पूरी दुनिया में आर्थिक वृद्धि को गति दे सकते हैं तथा विनिर्माण क्षेत्र की कंपनियों के लिये कहीं और जाने के लिये जगह नहीं है।
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ के दूत ने अमेरिका को घटती वैश्विक शक्ति करार दिया और चेतावनी दी कि यदि कश्मीर एवं भारत के संबंध में उसके विचारों को तवज्जो नहीं दी जाती है तो वह चीन और रूस का रुख करेगा।
रिजर्व बैंक के नये गवर्नर उर्जित पटेल के नेतृत्व में हुई पहली मौद्रिक नीति समीक्षा में आज नीतिगत ब्याज दर रेपो में 0.25 प्रतिशत की बहुप्रतीक्षित कटौती कर दी गई। नवगठित मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) के तहत हुई इस पहली समीक्षा में समिति के सभी छह सदस्य दरों में कटौती के पक्ष में रहे। इस कटौती के बाद आरबीआई की रेपो दर 6.25 प्रतिशत रह गयी है जो पिछले छह साल का इसका न्यूनतम स्तर है।
पाकिस्तान पर हमला करने के बाद केंद्र की भाजपा की तैयारी आर्थिक सर्जिकल ऑपरेशन के जरिए चीन को परास्त करने की है। देश में चाईनीज सामानों के खिलाफ बिगूल फूंकते हुए पार्टी ने जनता से इसके बहिष्कार का आह्वान किया है। पार्टी महासचिव कैलाश विजयवर्गीय ने ट्विट के जरिए लोगों से अपील की है कि सभी अपने दोस्तों और परिवारजनों के साथ प्रतिज्ञा करें कि न चीन का सामना खरीदेंगे, न किसी चीनी सामान को बढ़ावा देंगे।
भारत और चीन एक-दूसरे के साथ आर्थिक संबंध मजबूत कर रहे हैं। जुलाई 2016 तक चीन ने भारत में 4.1 बिलियन डॉलर का निवेश किया है। दोनों देशों के बीच कारोबार में बढ़ोतरी हुई है। गोवा में होने जा रहे ब्रिक्स सम्मेलन में चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग आएंगे। तब भारत और चीन के बीच कई नए व्यापारिक और आर्थिक करार होने हैं।
भारत और पाकिस्तान के बीच जारी तनाव के बीच चीन ने तिब्बत में ब्रह्मपुत्र की सहायक नदी का प्रवाह रोक दिया है। चीन की इस हरकत से भारत में चिंता पैदा हो सकती है क्योंकि इससे निचले बहाव वाले देशों में जल का प्रवाह प्रभावित होने की आशंका है।
अमेरिका के रक्षा मंत्री एश्टन कार्टर ने विवादित दक्षिण चीन सागर में बीजिंग द्वारा दबंगई दिखाए जाने की पृष्ठभूमि में कहा है कि ऐसा नहीं चल सकता कि चीन अपने फायदे के लिए कुछ सिद्धांतों को चुने और कुछ सिद्धांतों को छोड़ दे। कार्टर ने कहा कि अमेरिका को चीन की समुद्री गतिविधियों समेत हालिया गतिविधियों को लेकर गंभीर चिंताएं हैं। सिद्धांत हर देश पर समान रूप से लागू करने के लिए होते हैं।