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Search Result : "Political Politics"

देशद्रोह के मुक़दमे चलाने में कोई दल पीछे नहीं

देशद्रोह के मुक़दमे चलाने में कोई दल पीछे नहीं

फ़िल्म अभिनेत्री राम्या पर देशद्रोह की धाराओं में मुक़दमा दर्ज होने के बाद बेशक स्वयं राम्या और कांग्रेस के अन्य नेता केंद्र की एनडीए सरकार और भाजपा को कोस रहे हों मगर यह भी ज़मीनी हक़ीक़त है कि इस धारा इस्तेमाल करने में ख़ुद कांग्रेस भी कभी पीछे नहीं रही। भाजपा और कांग्रेस को ही क्यों दोष दें अन्य क्षेत्रीय दल भी अपने विरोधियों को निपटाने में इस क़ानून का जमकर प्रयोग कर रहे हैं ।
रूपनवाल पैनल ने यूजीसी को रिपोर्ट सौंपी, दलित नहीं था रोहित वेमुला

रूपनवाल पैनल ने यूजीसी को रिपोर्ट सौंपी, दलित नहीं था रोहित वेमुला

देश में दलितों की राजनीति करने वालों को मुंह की खानी पड़ी है। इसी साल जनवरी में हैदराबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी में आत्महत्या करने वाला 26 वर्षीय रिसर्च स्कॉलर रोहित वेमुला को लेकर नया खुलासा हुआ है। मानव संसाधन विकास मंत्रालय द्वारा गठित जांच पैनल के मुताबिक रोहित दलित नहीं था।
यूपी में भाजपा-सपा व कांग्रेस के सिवाय किसी के भी हो सकते हैं ओवैसी

यूपी में भाजपा-सपा व कांग्रेस के सिवाय किसी के भी हो सकते हैं ओवैसी

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव होने में थोड़ी देर है लेकिन ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) गठबंधन के लिए सहयोगी दल की खोज में सक्रिय हो गई है। पार्टी अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि वह यूपी में भाजपा, सपा और कांग्रेस के अलावा किसी भी दल के साथ मिलकर चुनाव लड़ सकते हैं।
हर दस साल पर तय होगा राजनीतिक दलों का दर्जा

हर दस साल पर तय होगा राजनीतिक दलों का दर्जा

केंद्रीय चुनाव आयोग ने राजनीतिक दलों के दर्जे की समीक्षा करने के नियमों में बदलाव किया है। नए नियमों के तहत आयोग अब पांच साल के बजाय हर दस साल पर राजनीतिक दलों की राष्ट्रीय और राज्य स्तरीय मान्यता की समीक्षा करेगा।
राजनीतिक दलों को टैक्‍स छूट खत्‍म करने के सुझाव को सरकार ने किया खारिज

राजनीतिक दलों को टैक्‍स छूट खत्‍म करने के सुझाव को सरकार ने किया खारिज

राजनीतिक दलों को टैक्स छूट खत्म करने के सुझाव को सरकार ने खारिज कर दिया है। उसने कहा है कि ये देश में राजनीतिक गतिविधियों को प्रोत्साहित करने और लोकतंत्र के हित में उन्हें नियंत्रित करने के लिए जरूरी है।
सर्वे : यूपी में सपा-भाजपा में टक्‍कर के आसार, बहुमत से सारे रहेंगे दूर

सर्वे : यूपी में सपा-भाजपा में टक्‍कर के आसार, बहुमत से सारे रहेंगे दूर

उत्‍तर प्रदेश में विधानसभा चुनाव पर राजनीतिक रणनीति चरम पर है। प्रदेश में दलबदल के बीच चुनाव पर सटीक अनुमान लगाना एक कठिन कवायद है। 2017 में यूपी की सत्ता को जानने के लिए एक न्यूज चैनल द्वारा किए गए ओपिनियन पोल के परिणाम आश्‍चर्यजनक हैं। इस पोल में किसी भी दल को पूर्ण बहुमत मिलता नहीं दिख रहा है। सर्वे के मुताबिक अगर अभी चुनाव हुए तो सपा को 403 सीटों में से 141 से 151 सीटें मिल सकती हैं। भाजपा को 124 से 134 सीटें और बसपा 103-113 सीटें मिल सकती हैं। सर्वे के मुताबिक कांग्रेस की हालत काफी खराब है। उसे 8 से 14 सीटों पर संतोष करना पड़ सकता है।
बसपा को झटका, पूर्व सांसद ब्रजेश पाठक भाजपा में शामिल हुए

बसपा को झटका, पूर्व सांसद ब्रजेश पाठक भाजपा में शामिल हुए

बसपा से दो बार सांसद रह चुके ब्रजेश पाठक सोमवार को भाजपा में शामिल हो गए। अगले साल होने वाले विधानसभा से पहले पाठक का पार्टी छोड़ना बसपा के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
बिहार : राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी दो फाड़ हुई

बिहार : राष्‍ट्रीय लोक समता पार्टी दो फाड़ हुई

तीन सांसदों और दो विधायकों वाली राष्ट्रीय लोक समता पार्टी (रालोसपा) दो फाड़ हो गई। केंद्रीय मानव संसाधन विकास रायमंत्री उपेंद्र कुशवाहा गुट द्वारा प्रदेश अध्यक्ष पद से बर्खास्त किए गए सांसद डॉ. अरुण कुमार के गुट ने पार्टी की राष्ट्रीय समिति व राय परिषद का विशेष महाधिवेशन बुलाकर उपेंद्र कुशवाहा को पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष पद से बर्खास्त कर दिया है।
अल्‍पसंख्‍यक दर्जा : एएमयू ने कहा, केंद्र के बदले स्‍टैंड के पीछे राजनीति

अल्‍पसंख्‍यक दर्जा : एएमयू ने कहा, केंद्र के बदले स्‍टैंड के पीछे राजनीति

अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी (एएमयू) ने सुप्रीम कोर्ट में कहा है कि भाजपा नीत केंद्र सरकार ने अल्‍पसंख्‍यक मामले में जो स्टैंड बदला है, उसके पीछे राजनीतिक विचारधारा मुख्‍य वजह है। विश्वविद्यालय के मुताबिक, केंद्र का फैसला तर्कसंगत नहीं है, अनुचित है और राजनीतिक वजहों से लिया गया है।
कभी समर्थकों से घिरी रहने वाली उमा भारती आज पड़ गईं अकेली

कभी समर्थकों से घिरी रहने वाली उमा भारती आज पड़ गईं अकेली

कभी भाजपा की फायर ब्रांड नेता रहीं केंद्रीय मंत्री उमा भारती हमेशा भीड़ से घिरी रहती थीं। जहां जातीं समर्थकों का हुजूम उनके स्वागत के लिए उमड़ पड़ता था। लेकिन आज स्थिति बिल्कुल उलट गई है। उमा भारती अब हर जगह अकेली दिखाई देती हैं। केंद्रीय मंत्री होने के बावजूद आगे पीछे रहने वाले समर्थक नदारद हैं। और तो और देश के किसी हिस्से में पहुंचने पर स्वागत के लिए समर्थकों का जो हुजूम उमड़ पड़ता था आज वह भी कहीं दिखाई नहीं देता।
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