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जीवन का विज्ञान आयुर्वेद

जीवन का विज्ञान आयुर्वेद

आयुर्वेद का अर्थ है, जीवन का विज्ञान। आयुष वेद से मिल कर बने इस शब्द में आयुष का मतलब है जीव और वेद का मतलब है विज्ञान। आयुर्वेद के सिद्धांत को आगे बढ़ाने के लिए दिल्ली के खेड़ा डाबर, नजफगढ़ में चौधरी ब्रह्मप्रकाश आयुर्वेद चरक संस्थान की नींव रखी गई है। यह संस्थान आयुर्वेद की उस धारणा को तोड़ता है जिसमें समझा जाता है कि आयुर्वेद मात्र कुछ जड़ी-बूटियों के सहारे चलता है। यहां पूरे भारत से उच्च शिक्षा प्राप्त अध्यापक हैं और वैज्ञानिक तरीके से मरीजों का इलाज किया जाता है। यहां अन्य विभागों के साथ लीच यानी जोंक चिकित्सा पद्धति, पंचकर्म, क्षार सूत्र विधि विशेष तौर पर लोकप्रिय हैं। पंचकर्म विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अरुण गुप्ता कहते हैं, 'आम आदमी के लिए पंचकर्म सिर्फ मसाज है। ज्यादातर स्पा केंद्रों ने पंचकर्म की एक प्रक्रिया शिरोधारा के फोटो को इतना प्रमोट किया है कि आम जन में यह धारणा हो गई है कि शिरोधारा ही पंचकर्म है।’ प्रो. गुप्ता कहते हैं, 'सरकार को इस चिकित्सा पद्धति के मानक तय करने चाहिए। यानी यदि कोई केंद्र पंचकर्म शब्द का इस्तेमाल कर रहा है तो उसके पास अनिवार्य रूप से क्या सुविधाएं होनी चाहिए। जैसे मधुमेह के रोगियों को तेल की मालिश पंचकर्म में वर्जित है।’ प्रोफेसर गुप्ता बस्ती नेत्र यानी एनीमा देने के उपकरण पर भी सवाल उठाते हैं। वह बताते हैं कि इस अस्पताल में हर चीज मानक रूप से तय की गई है। लंबे मीनारनुमा इस उपकरण के आगे के छेद की गोलाई मटर के दाने बराबर और पीछे का छेद की गोलाई अंगूठे की मोटाई के बराबर होनी चाहिए। यह अस्पताल का सबसे ज्यादा व्यस्त रहने वाला विभाग है, जिसमें सौ से ज्यादा मरीज हमेशा मौजूद रहते हैं।
अवसाद झेल चुकी दीपिका इसके प्रति लाएंगी जागरूकता

अवसाद झेल चुकी दीपिका इसके प्रति लाएंगी जागरूकता

दीपिका पादुकोण एक अभियान शुरू करने वाली हैं जो अवसाद से जुड़ी मानसिक समस्या के खिलाफ उनकी लड़ाई से जुड़ा हुआ है। दीपिका का कहना है कि वह खुद इस समस्या को झेल चुकी हैं।
समीक्षा - ये ‘गंगाजल’ प्रकाश झा का है

समीक्षा - ये ‘गंगाजल’ प्रकाश झा का है

अपनी पुरानी फिल्म को झाड़-पोंछ कर दर्शकों के लिए फिर नया और देखने लायक कैसे बनाया जाता है यह तो प्रकाश झा से सीखा ही जाना चाहिए। शायद यही कारण है कि अपनी सफल फिल्म गंगाजल को झा ने जय गंगाजल नाम से फिर बना दिया।
प्रियंका की छवि से चमकेगी ‘गंगाजल’

प्रियंका की छवि से चमकेगी ‘गंगाजल’

प्रकाश झा सन 2003 में आई अपनी ही फिल्म गंगाजल का सीक्वेल बना रहे हैं। उन्हें उम्मीद है कि प्रियंका चोपड़ा की अंतरराष्ट्रीय शोहरत से फिल्म को मदद मिलेगी।
फिल्‍म समीक्षा: खुद को खोजने का ‘तमाशा’

फिल्‍म समीक्षा: खुद को खोजने का ‘तमाशा’

इम्तियाज अली की नई फिल्म की सामग्री . बेसिक आइडिया थ्री इडियट . कुछ सीन जवानी दीवानी . सजावट के लिए रब ने बना दी जोड़ी के कुछ कतरे। अब थ्री इडियट के आइडिए को पहले फैला लें। जवानी दीवानी के सीन उसमें डालें और खिचड़ी पका कर रब ने बना दी जोड़ी से सजा कर दर्शकों के सामने परोस दें। नोट – खिचड़ी के स्वाद की चिंता न करें क्योंकि बहुत से फुर्सतिए हैं जो सप्ताहंत में टिकट के पैसे खर्च करेंगे, बहुत से जोड़े हैं जो कहां बैठे की समस्या हल करने को थिएटर चले आएंगे।
इतिहास के नहीं भंसाली के हैं बाजीराव

इतिहास के नहीं भंसाली के हैं बाजीराव

प्रदर्शन से पहले फिल्म बाजीराव मस्तानी विवादों में घिर गई है। बाजीराव पेशवा के वंशजों ने आरोप लगाया है, बाजीराव की पत्नियों काशीबाई और मस्तानी का फिल्म में चित्रण करते समय ऐतिहासिक तथ्यों से छेड़छाड़ की गई है।
‘अब क्या’ सोचने का वक्त

‘अब क्या’ सोचने का वक्त

श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर फाउंडेशन के संवाद श्रृंखला 2 में समसामयिक घटना पुरस्कार वापसी और उसके विरोध पर ‘अब क्या’ विषय पर संवाद का आयोजन किया गया। पुरस्कार वापसी का समर्थन और विरोध कर रहे दोनों ही पक्षों ने अपनी-अपनी बात रखी।
रणबीर को लेकर नहीं डरती कैटरीना

रणबीर को लेकर नहीं डरती कैटरीना

लड़कियों को अपने प्रेमी के संग किसी और को देखकर कितनी भी तकलीफ हो पर वे इस बात को स्वीकारती नहीं हैं। अब कैटरीना को ही देख लीजिए।
दीपिका की पसंद किंग खान

दीपिका की पसंद किंग खान

दीपिका फिल्मों के मामले में भले ही चूजी न हों पर प्यार के मामले में वह न सिर्फ चूजी है बल्कि थोड़ी कनफ्यूज भी। उन्हें न रणवीर चाहिए न रणबीर। उनकी पसंद तो शाहरूख खान है।
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