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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी जसोदाबेन को पासपोर्ट भी नसीब नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पत्नी जसोदाबेन को पासपोर्ट भी नसीब नहीं

शादी का प्रमाणपत्र नहीं होने और पति के हस्ताक्षरयुक्त संयुक्त आवेदन न होने की वजह से उनका आवेदन ही खारिज कर दिया गया
पुलिस को हाईकोर्ट की फटकार, योगेंद्र यादव रिहा

पुलिस को हाईकोर्ट की फटकार, योगेंद्र यादव रिहा

सोमवार रात योगेंद्र यादव और उनके स्वराज अभियान के साथियों की जंतर मंतर से की गई गिरफ्तारी की शैली पर आज दिल्ली हाईकोर्ट ने दिल्ली पुलिस को जमकर फटकार लगाई। अदालत ने इस तरह से शांतिपूर्ण प्रदर्शन को रोक कर गिरफ्तार करने और नाजायज तरीके से बिना मजिस्ट्रेट के सामने पेश किए देर तक बिलावजह हिरासत में रखने पर पुलिस पर सख्त टिप्पणी की।
याकूब की फांसी पर सुप्रीम कोर्ट में आधी रात को सुनवाई

याकूब की फांसी पर सुप्रीम कोर्ट में आधी रात को सुनवाई

याकूब की फांसी पर संशय बरकरार। राष्ट्रपति द्वारा बुधवार को दया याचिका खारिज करने के बाद कई वकील गुरूवार सुबह याकूब को होने वाली फांसी पर रोक लगाने के लिए देर रात मुख्य न्यायाधीश के घर पहुंचे। आधी रात को सुप्रीम कोर्ट फिर से खोला गया। मामले की सुनवाई के लिए मुख्य न्यायाधीश ने तीन जजों की बेंच गठित की है।
हमें निकालने के बाद, कपटी केजरीवाल हमें वापस चाहते हैं- भूषण

हमें निकालने के बाद, कपटी केजरीवाल हमें वापस चाहते हैं- भूषण

आम आदमी पार्टी से निकाले जा चुके नेता प्रशांत भूषण ने अरविंद केजरीवाल पर जम कर बरसते हुए उन्हें बेशर्म और कपटी कहा। दरअसल, इससे पहले दिल्ली के मुख्यमंत्री ने योगेन्द्र यादव के साथ इस मानवाधिकार कार्यकर्ता वकील के पार्टी में लौटने की स्थिति में खुशी होने की बात कही थी।
अब ‘आप’ के सोमनाथ पत्नी पर जुल्म ढाने में फंसे

अब ‘आप’ के सोमनाथ पत्नी पर जुल्म ढाने में फंसे

आम आदमी पार्टी के विधायकों के ग्रह नक्षत्र लगता है ठीक नहीं चल रहे हैं। पहले जितेंद्र सिंह तोमर फर्जीवाड़े में पकड़े गए। इसके बाद एक अन्य विधायक पूर्व कमांडो सुरिंदर सिंह पर फर्जी डिग्री का आरोप लग रहा है और अब पार्टी के चर्चित और विवादों में रहने वाले नेता सोमनाथ भारती आरोपों के घेरे में हैं।
सुप्रीम कोर्ट और सरकार बड़े टकराव की ओर

सुप्रीम कोर्ट और सरकार बड़े टकराव की ओर

बीते हफ्ते सुप्रीम कोर्ट की 5 सदस्यीय खंड पीठ के सामने जिस तरह सरकार और पीठ के बीच तीखे शब्दों का आदान-प्रदान हुआ, उसे देखते हुए अब तक फुसफुसाए जा रहे कुछ सवाल थोड़ा ज्यादा जोर से सुनाई पडऩे लग गए हैं। क्या कार्यपालिका और न्यायपालिका एक बड़े टकराव की ओर बढ़ रही हैं? क्या संसद ने राष्ट्रीय न्यायिक नियुक्ति आयोग (एनजेएसी) विधेयक पारित करने में हड़बड़ी दिखाई ?
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