सरकार देश के ढांचागत क्षेत्र के विकास के लिये जरूरी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में वर्ष 2016 में किये गये सुधारों के आधार पर एफडीआई प्रवाह अगले साल भी बेहतर रहने की उम्मीद कर रही है। इस वर्ष जनवरी से सितंबर के दौरान एफडीआई प्रवाह 21 प्रतिशत बढ़कर 32.18 अरब डालर रहा।
वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री निर्मला सीतारमण का कहना है कि उनके मंत्रालय ने तंबाकू क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) को पूरी तरह प्रतिबंधित करने के एक प्रस्ताव को मंत्रिमंडल के पास विचारार्थ भेजा है।
रक्षा क्षेत्र में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) सुधार के बाद सरकार द्वारा संचालित रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन डीआरडीओ का कहना है कि वह विदेशी कंपनियों के साथ न सिर्फ प्रतिस्पर्धा करने के लिए तैयार है बल्कि अपने उत्पादों के निर्यात को भी तैयार है।
आर्थिक सुधारों को गति देते हुए सोमवार को मोदी सरकार ने प्रत्यक्ष विदेशी निवेश नीति (एफडीआई पॉलिसी) में कई बड़े बदलावों का ऐलान किया। नागरिक उड्डयन और रक्षा क्षेत्र में 100 फीसदी एफडीआई को मंजूरी दे दी गई है।
कुछ आर्थिक निर्णयों को लेकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) से संबद्ध स्वदेशी जागरण मंच ने मोदी सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है। मंच ने ई-कॉमर्स, खाद्य प्रसंस्करण और विपणन क्षेत्रों में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का विरोध करने का निर्णय किया है।
भारत में वर्ष 2015 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) का प्रवाह लगभग दोगुना हो गया। संयुक्त राष्ट्र व्यापार एवं विकास सम्मेलन (अंकटाड) ने कहा कि पिछले साल विदेशी निवेश पाने वाले देशों में अमेरिका शीर्ष पर रहा। अंकटाड की सालाना रिपोर्ट के अनुसार पिछले वर्ष वैश्विक स्तर पर एफडीआई का प्रवाह अप्रत्याशित रूप से 36 प्रतिशत बढ़ कर 2008 के वैश्विक वित्तीय संकट के पहले के स्तर के करीब पहुंच गया।