आईपीएल में जो पिछले आठ सालों से नहीं हुआ, वह शनिवार को हो गया। चमत्कारिक महेंद्र सिंह धोनी की कप्तानी में यह पहली बार हुआ जब उनकी टीम प्ले ऑफ में पहुंचने से पहले ही टूर्नामेंट से बाहर हो गई।
तनाव और चिंता से भरी इस जिंदगी में आज के समय तैजी से बहुत से लोग अवसाद और बेचैनी व घबराहट की समस्या का सामना कर रहे हैं। इनके इलाज के अनुसंधान में लगे वैज्ञानिकों का कहना है कि बेचैनी और अवसाद के लिए आम प्राथमिक देखभाल की जगह मरीज को ऑनलाइन थेरेपी उपलब्ध कराना कहीं ज्यादा कारगर इलाज हो सकता है।
आम आदमी पार्टी ने शनिवार को आज दावा किया कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री संबंधी जानकारी मांगने वाले आरटीआई आवेदन को दिल्ली विश्वविद्यालय ने तकनीकी कारण बताते हुए वापस लौटा दिया है।
सिविल सर्विस परीक्षा में 361 वीं रैंक के साथ सफलता हासिल करने वाले मुस्िलम युवक अंसार अहमद शेख ने एक बार अपना नाम बदल कर शुभम रख लिया था। पुणे के फर्ग्युसन कालेज में पढ़ने आए अंसार ने ऐसा इसलिए किया था ताकि उसे कालेज हास्टल में रहने और खाने की उचित सुविधा मिल सके।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की डिग्री के मामले पर आक्रामक रूख जारी रखते हुए आप के एक प्रतिनिधिमंडल ने बुधवार को दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति से मिलकर मांग की कि उन्हें प्रधानमंत्राी नरेंद्र मोदी की बीए डिग्री के रिकॉर्ड का निरीक्षण करने दिया जाए लेकिन उन्हें खाली हाथ लौटा दिया गया।
विराट कोहली की कातिलाना बल्लेबाजी की बदौलत बेंगलुरु ने करो या मरो के मैच में पुणे को 7 विकेट से हराकर आईपीएल की अपनी उम्मीदें जिंदा रखी हैं। पुणे के 192 रनों के लक्ष्य का पीछा करते हुए विराट कोहली और केएल राहुल ने पहले विकेट के लिए 94 रन जोड़े।
ब्रांड चेन्नई सुपरकिंग्स अब इतिहास की बात हो गई और महेंद्र सिंह धोनी एंड कंपनी इंडियन प्रीमियर लीग के नौवे सत्र में पीली जर्सी में मैदान पर नजर नहीं आएगी जबकि पुणे सुपरजाइंट्स और गुजरात लायंस के रूप में दो नई टीमें इस टी20 क्रिकेट लीग में पदार्पण करेंगी।
उस्मानिया विश्वविद्यालय के छात्रों के एक समूह द्वारा बुधवार को किये गए पथराव में सात पुलिसकर्मी घायल हो गए। छात्रों के समूह ने पुलिसकर्मियों पर तब पथराव किया जब पुलिस परिसर स्थित पानी की एक टंकी में मिले एक व्यक्ति के शव को निकालकर ले जा रही थी। इस घटना को लेकर विश्वविद्यालय परिसर में तनाव उत्पन्न हो गया।
बंबई उच्च न्यायालय ने गुरुवार को जर्मन बेकरी बम विस्फोट मामले में एकमात्र दोषी हिमायत बेग की फांसी की सजा को यह कहते हुए आजीवन कारावास में बदल दिया कि इस हमले में उसके हाथ होने के सबूत नहीं मिले है। पुणे की जर्मन बेकरी में सन 2010 में हुए बम विस्फोट में 17 लोग मारे गए थे।