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Search Result : "Renowned poet Munawwar Rana"

अजान हो तो रोक दो मंदिर की घंटियां

अजान हो तो रोक दो मंदिर की घंटियां

खुलना से ढाका की ओर मैंने जब रवानगी डाली तो दिन के दो बज रहे थे। खुलना से ढाका की दूरी मात्र 132 किलोमीटर है। लेकिन यह 132 किलोमीटर का सफर तय करने में मुझे पूरे नौ घंटे लगे। बीच में गंगा नदी को भी पार करना होता है, जो यहां आकर पद्मा बन जाती है। इस नदी पर कोई पुल नहीं है। बस, ट्रक, रिक्शे, सभी एक बड़े शिप पर सवार होते हैं और फिर उस पार पहुंचा दिए जाते हैं।
गंगा-जमुनी तहजीब बयां करते महरौली के पत्‍थर

गंगा-जमुनी तहजीब बयां करते महरौली के पत्‍थर

एक गिरजाघर है जो मंदिर सा दिखता है... और मस्जिद सा भी। एक त्यौहार है जो मुगलों के दौर से चला आ रहा है... जी हां , महरौली का हर पत्थर कुछ बोलता है और हिंदुस्तान की नायाब गंगा-जमुनी तहजीब के तराने सुनाता है।
वीरेन डंगवाल और साथ चलता कंधे का अदृश्य झोला

वीरेन डंगवाल और साथ चलता कंधे का अदृश्य झोला

हिंदी के मशहूर यारबाश कवि वीरेन डंगवाल हमारे बीच नहीं रहे। आउटलुक ने अगस्त, 2013 में दिल्ली में उनसे लंबी बातचीत का समां बांधा था। इसमें पुरानी मिठास की चाशनी के साथ सिरों को जोड़ने का जिम्मा उठाया था उनके पुराने दिनों के साथी, वरिष्ठ कवि मंगलेश डबराल ने। आज हम सब जब वीरेन डंगवाल के जाने से बेहद दुखी है, उन्हें शिद्दत से याद करने का सिलसिला जारी है। हम उनसे हुई इस महत्वपूर्ण बातचीत फिर से साझा कर रहे हैं। कैंसर से जूझ रहे इस जिंदादिल कवि ने कितने गहरे सरोकारों की पोटली, जीवन दर्शन, 70 के दशक की बेचैनी, युवा पीढ़ी की सृजनशीलता...और भी बहुत कुछ जो जरूरी और बिसरा हुआ है, सबको पूरे अपनी संवेदना के साथ रखा था। इस संवाद से फिर-फिर गुजरकर, हाथ कुछ मोती ही लगेंगे---भाषा
उजले दिनों के कासिद वीरेन डंगवाल नहीं रहे

उजले दिनों के कासिद वीरेन डंगवाल नहीं रहे

अपनी कर्मभूमि बरेली में आज सुबह अंतिम सांसे ली, हिंदी के हस्ताक्षर कवि वीरेन डंगवाल ने। पिछले कुछ सालों से वह मुंह के कैंसर से बहादुराना लड़ाई लड़ रहे थे।
अमीर खुसरो की कविता, शिरीन की कहानी

अमीर खुसरो की कविता, शिरीन की कहानी

हजरत अमीर खुसरो की लिखी रुदार ए शिरीन एक ऐसी स्त्री की जीवन गाथा है जिसमें वह अपनी पहचान और अस्तित्व ढूंढने की कोशिश करती है। इसे संगीतमय रूप में दिल्ली घराने की महिला कलाकारों ने प्रस्तुत किया है। रुदार ए शिरीन यानी शिरीन की कहानी की मंच पर संगीतमय प्रस्तुति को दर्शकों ने खूब सराहा।
चारा घोटाला के अभियुक्त पुत्र को भाजपा ने अपनाया

चारा घोटाला के अभियुक्त पुत्र को भाजपा ने अपनाया

भारतीय जनता पार्टी बिहार में चुनाव जीतने के लिए हर हथकंडा अपना रही है। पूर्व सांसद साबिर अली के बाद अब चारा घोटाले के आरोपी पूर्व मंत्री आरके राणा के पुत्र अमित राणा को भी पार्टी में शामिल कर लिया है। इसको लेकर भाजपा के ‌ही लोग दबे स्वरों में सवाल उठाते हैं। एक भाजपा नेता के मुताबिक एक तरफ तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बिहार में जंगलराज को लेकर निशाना साध रहे हैं तो दूसरी ओर दागियों को ही भाजपा की सदस्यता दिलाने में पार्टी पीछे नहीं हट रही है।
बाहुबली ही साबित हो रही यह फिल्म

बाहुबली ही साबित हो रही यह फिल्म

बहुप्रतीक्षित और बहुभाषी फिल्म बाहुबली आज दुनिया भर में बड़े पर्दे पर रिलीज हो गई। दर्शकों की जबरदस्त प्रतिक्रिया और उमड़ रही भीड़ ने इस फिल्म को वाकई बाहुबली सिद्ध कर दिया है।
उर्दू कवि बशर नवाज का निधन

उर्दू कवि बशर नवाज का निधन

जाने-माने उर्दू कवि, आलोचक एवं वक्ता बशर नवाज का आज औरंगाबाद में निधन हो गया। वह कुछ समय से बीमार थे। हिंदी फिल्म बाजार का बेहद लोकप्रिय गीत ‘करोगे याद’ उन्होंने ही लिखा था।
समाजवादी चिंतक व कवि कमलेश का निधन

समाजवादी चिंतक व कवि कमलेश का निधन

प्रख्‍यात समाजवादी चिंतक, संपादक और कवि कमलेश का शनिवार सुबह दिल्‍ली में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। वह 78 वर्ष के थे और कुछ समय से बीमार चल रहे थे।
कागज-कलम की आदत नहीं बदल सकता: गुलज़़ार

कागज-कलम की आदत नहीं बदल सकता: गुलज़़ार

बीते पचास से भी ज्यादा वर्ष से शायरी और फिल्मी गीत लिख रहे गुलज़ार वैसे तो आधुनिक पीढ़ी के साथ लगातार तालमेल बिठाते रहे हैं लेकिन उनका कहना है कि वह कलम से कागज पर लिखने की अपनी पुरानी आदत नहीं बदल सकते।
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