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पार्टियों को 102 करोड़ का चंदा, भाजपा को सबसे ज्यादा मिले 76 करोड़

पार्टियों को 102 करोड़ का चंदा, भाजपा को सबसे ज्यादा मिले 76 करोड़

देश की 7 राष्ट्रीय पार्टियों को वर्ष 2015-16 में 20,000 रुपये से अधिक की लिमिट में 102 करोड़ का चंदा मिला है। 1,744 चंदे से यह राशि मिली है। सबसे अधिक चंदा भाजपा को मिला है। 613 दानदाताओं ने भाजपा को कुल 76 करोड़ रुपये चंदा दिया है।
आयकर अधिकारियों से 200 दलों के वित्तीय मामलों पर गौर करने के लिए कहेगा निर्वाचन

आयकर अधिकारियों से 200 दलों के वित्तीय मामलों पर गौर करने के लिए कहेगा निर्वाचन

निर्वाचन आयोग ऐसे 200 से अधिक दलों के वित्तीय मामलों की जांच करने के लिए आयकर अधिकारियों को पत्र लिखने वाला है, जिन्हें उसने चुनाव न लड़ने के कारण सूची से बाहर किया है। आयोग ने बीते कुछ समय में ऐसे विभिन्न दलों की पहचान की है, जिन्होंने वर्ष 2005 से चुनाव नहीं लड़ा है। आयोग ने ऐसे 200 से अधिक दलों को सूची से बाहर किया है।
कागजों तक सीमित 200 पार्टियों की सूची तैयार, होगी कार्रवाई

कागजों तक सीमित 200 पार्टियों की सूची तैयार, होगी कार्रवाई

चुनाव आयोग ने चंदे के लिए महज कागजों में चलने वाले 200 राजनीतिक दलों की सूची तैयार की है। आयोग इन पर कार्रवाई करेगा। आयोग इनकी मान्यता रद्द करने की तैयारी में है। आयोग को संदेह है कि इन पार्टियों का इस्तेमाल मनी लॉन्डरिंग के लिए हो रहा है, इसलिए वह इनके बारे में जानकारी इनकम टैक्स विभाग को भी भेजेगा ताकि वह आगे की कार्रवाई कर सके।
फेसबुक ने आउटलुक पेज से भाजपा संबंधी खबर को हटाया

फेसबुक ने आउटलुक पेज से भाजपा संबंधी खबर को हटाया

ऑनलाइन खबरों पर देश के राजनीतिक दल अब गहरी नजर रखने लगे हैं। इसी के तहत आउटलुक हिंदी की दो खबरों पर फेसबुक के जरिए कार्रवाई की गई। आउटलुक हिंदी ने भाजपा और बाबा रामदेेव से संबंधित दो खबरें वेबसाइट पर डालने के बाद अपने फेसबुक के पन्‍ने पर शेयर की थीं। अचानक फेसबुक ने इन खबरों को हटा दिया।
1900 पार्टियों में से 400 ने कभी चुनाव नहीं लड़ा, क्‍या बस कालाधन सफेद करती रहीं?

1900 पार्टियों में से 400 ने कभी चुनाव नहीं लड़ा, क्‍या बस कालाधन सफेद करती रहीं?

देश में 1900 राजनैतिक दल हैं। इन पार्टियों में से करीब 400 पार्टियों ने कभी चुनाव नहीं लड़ा। इसका मीडिया में यही मतलब निकाला जा रहा है कि इन पार्टियों के गठन का लक्ष्‍य कहीं कालेधन को सफेद करना ही तो नहीं था। इस तस्‍वीर के बाद दार्शनिक अंदाज में यह भी कहा जा सकता है कि भारतीयों के जीवन में 'राजनीति' बहुत गहराई तक शामिल है।
नजीब मामला: हाईकोर्ट ने पूछा, आरोपियों से पूछताछ में इतना वक्त क्यों लगा

नजीब मामला: हाईकोर्ट ने पूछा, आरोपियों से पूछताछ में इतना वक्त क्यों लगा

जेएनयू के लापता छात्र नजीब अहमद की गुमशुदगी के मामले में दायर की गई याचिका पर सुनवाई करते हुए दिल्ली उच्च न्यायालय ने पुलिस से कई तीखे सवाल पूछे। न्यायलय ने पुलिस को तमाम राजनीतिक अवराधों से निकलकर नजीब की तलाश करने का निर्देश देते हुए कहा कि उसके लापता होने में कुछ और हो सकता है क्योंकि राष्ट्रीय राजधानी के बीच से कोई इस तरह ओझल नहीं हो सकता।
देश में फिल्मकारों के लिए अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है: प्रकाश झा

देश में फिल्मकारों के लिए अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है: प्रकाश झा

अहम सामाजिक एवं राजनीतिक मुद्दों पर आधारित फिल्म बनाने वाले निर्देशक प्रकाश झा का कहना है कि इस देश में पूरी तरह से राजनीतिक फिल्म बनाना असंभव है, क्योंकि यहां अभिव्यक्ति की आजादी नहीं है।
इंदौर: खुले में शौच के खिलाफ डिब्बा गैंग की अनूठी पहल

इंदौर: खुले में शौच के खिलाफ डिब्बा गैंग की अनूठी पहल

केंद्र सरकार की स्मार्ट सिटी परियोजना के तहत चुने गए देश के पहले 20 शहरों में शामिल इंदौर को खुले में शौच के कलंक से मुक्ति दिलाने के लिए नगर निगम ने रोको और टोको अभियान शुरू किया है। इस मुहिम के तहत डिब्बा गैंग नाम के विशेष दल बनाए गए हैं, जो खुले में शौच की बुरी प्रवृत्ति को अनूठे ढंग से मिटाने की कोशिश कर रहे हैं।
अफजाल अंसारी का दावा, भाजपा का खुमार उतार देगी मुलायम की रैली

अफजाल अंसारी का दावा, भाजपा का खुमार उतार देगी मुलायम की रैली

हाल ही में अपने कौमी एकता दल का सत्तारूढ़ समाजवादी पार्टी (सपा) में विलय करने वाले अफजाल अंसारी का कहना है कि भाजपा का मंसूबा सपा के गढ़ में सेंध लगाने का है, लेकिन आगामी 23 नवंबर को गाजीपुर में होने जा रही सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव की रैली के बाद भाजपा को जमीनी हकीकत का अंदाजा हो जाएगा।
अर्थशास्त्रियों की राय, नोट बंद होने से भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा

अर्थशास्त्रियों की राय, नोट बंद होने से भ्रष्टाचार खत्म नहीं होगा

विश्व प्रसिद्ध फ्रांसीसी अर्थशास्त्री गॉय सोरमन ने आज कहा कि भारत सरकार का 500 और 1000 रुपये के नोट बंद करने का फैसला एक स्मार्ट राजनीतिक कदम है, लेकिन इससे भ्रष्टाचार समाप्त नहीं होगा।
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