चौतरफा दबाव के बाद आखिरकार छत्तीसगढ़ के बिलासपुर स्थित गुरु घासीदास सेन्ट्रल यूनिवर्सिटी ने तीन छात्रों के निष्कासन का आदेश वापस ले लिया है। शुक्रवार देर रात विश्वविद्यालय प्रबंधन ने लगातार विरोध के चलते फ़ीस बढ़ोत्तरी के अपने आदेश को भी संशोधित किया है। हालांकि इसकी जानकारी सोमवार तक जारी की जाएगी।
दिल्ली विश्वविद्यालय के नशे में धुत चार छात्रों ने लुटियन की दिल्ली में केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी की कार का कथित तौर पर पीछा किया जिसके बाद छात्रों को हिरासत में ले लिया गया।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी का पीछा करने वाले डीयू के चारो छात्रों को जमानत पर रिहा कर दिया गया है। दो आरोपी छात्रों ने मीडिया के सामने आते हुए माफी भी मांगी है। छात्रों ने गलती स्वीकारते हुए कहा कि सोशल मीडिया के लिए फनी वीडियो बनाने के चक्कर में उनसे गलती हुई है।
अमेरिका के एक प्रमुख सीनेटर ने कहा है कि अमेरिकी अर्थव्यवस्था की जरूरतों के आधार पर एच।बी कार्य वीजा की संख्या को बढ़ाने और कम करने की जरूरत है। ये वीजा भारतीय तकनीकविदों और आईटी कंपनियों के बीच बहुत लोकप्रिय है।
अमेरिका वित्त वर्ष 2017-18 के लिए आगामी 3 अप्रैल से एच-1बी कार्य वीजा के लिए आवेदन शुरू करेगा। हालांकि, इस वीजा कार्यक्रम को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है। भारतीय आईटी कंपनियों तथा पेशेवरों में यह वीजा काफी लोकप्रिय है।
दिल्ली विश्वविद्यालय ने निर्धारित समय में डिग्री की पढ़ाई पूरी नहीं कर पाने वाले छात्रों को दिया जाने वाला विशेष अवसर का प्रावधान हटाने का फैसला किया है।
अमेरिका के ट्रंप प्रशासन को एच-1 बी वीजा मामले में अपनी स्थिति पर फिर से विचार करना चाहिये, यदि वह वीजा कटौती के अपने रुख पर आगे बढ़ता है तो यह भारत-अमेरिका संबंधों में एक भावनात्मक अवरोध बन खड़ा हो सकता है। यह बात भारत के पूर्व मंत्री और कांग्रेस नेता मनीष तिवारी ने कही।
राज्यसभा में तृणमूल कांग्रेस के एक सदस्य ने जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय के छात्र नजीब अहमद के लापता होने के पीछे राजनीतिक प्रतिशोध का आरोप लगाते हुए मांग की कि केंद्र सरकार को इस मामले की जांच सीबीआई या अन्य समुचित एजेंसी से करानी चाहिए। गौरतलब है कि नजीब 15 अक्तूबर से लापता है। एक रात पहले ही उसका परिसर में अभाविप सदस्यों के साथ कथित तौर पर विवाद हुआ था।
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा सात मुस्लिम बहुल राष्ट्रों पर लगाए गए यात्रा प्रतिबंध के बाद अमेरिका आने से रोके गए हजारों लोग एक बार फिर वहां आने की कोशिश में जुट गए हैं। इन लोगों के लिए उम्मीद की किरण बना है ट्रंप के आदेश को चुनौती देने वाला अदालती फैसला।