जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में आतंकवादियों ने आज जब सेना के शिविर पर हमला किया तो वहां पहरेदारी कर रहे गनर ऋषि कुमार ने दो बार मौत को चकमा देकर दो हमलावरों को अकेले मार गिराया और तीसरे को घायल कर दिया।
पाकिस्तान के अशांत बलूचिस्तान प्रांत में विभिन्न प्रतिबंधित संगठनों के 434 आतंकवादियों ने आत्मसमर्पण किया है। सदर्न कमांड के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल की ओर से सामान्य जीवन जीने के लिए स्वागत किए जाने पर अब तक 1500 आतंकी अपने हथियार डाल चुके हैं।
कश्मीर में सेना और स्थानीय लोगों के संघर्ष का वीडियो काफी वायरल हुआ था। अब कश्मीर से बाहर रह रहे कश्मीरी छात्रों को भी इस वीडियो की वजह से मुश्किलें झेलनी पड़ रही है। एक तरफ जहां राजस्थान में कश्मीरी छात्रों के साथ मारपीट की खबर मिल रही है वहीं उत्तर प्रदेश के मेरठ में कश्मीरी छात्रों के खिलाफ पोस्टर लगाए जा रहे हैं।
पाकिस्तान ने आखिरकार मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड और आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के प्रमुख हाफिज सईद को आतंकी मान ही लिया है। पाकिस्तान के गृह मंत्रालय ने लाहौर हाई कोर्ट में हलफनामा देकर साफ कर दिया है कि हाफिज सईद आतंकवाद और आतंकी गतिविधियों से जुड़ा हुआ है।
अमेरिका ने अफगानिस्तान में अपना सबसे बड़ा गैर-परमाणु बम गिराया है। गुरुवार शाम करीब सात बजे हुए इस हमले में ISIS से जुड़े आतंकियों और बंकरों को निशाना बनाया गया है। ‘मदर ऑफ आल बॉम’ कहे जाने वाले इस धमाके में 18 लोगों के मरने की खबर है, जिनमें महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
क्रिकेट खिलाड़ी गौतम गंभीर भी सेना के जवानों की पिटाई के बाद काफी नाराज हैं। उन्होंने ट्वीटर पर कश्मीर की आजादी की मांग करने वालों पर अपनी भड़ास निकाली है। गंभीर ने कहा है कि कश्मीरी सेना के जवानों पर मारे गए हर थप्पड़ के बदले 100 जिहादियों की जान ले लेनी चाहिए।
भारतीय सेना द्वारा पिछले वर्ष पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में भारतीय सेना द्वारा की गयी सर्जिकल स्ट्राइक्स के बाद जम्मू कश्मीर में आतंकी घटनाओं में 25 फीसदी की कमी आयी है।
पैट्रिक कॉकबर्न ने अपनी नई किताब आईएसआईएस का आतंक में जिहाद के नए साम्राज्य सीरिया और इराकी विद्रोहों की भूमिका की विवेचना की है। इंडिपेंडेंट की रिपोर्टिंग करते हुए कॉकबर्न ने अपनी अलग प्रतिष्ठा बनाई। वह विवेकपूर्ण और गंभीर पत्रकारिता के लिए जाने जाते हैं, जो किसी स्थान विशेष पर बिताए गए समय से उपजी है। पुस्तक लेखक के गहन विचारों और शोध को भी दर्शाती है। मध्यपूर्व में फैल रहे आतंकवादी गतिविधियों को लेकर प्रकाशित हुई कई किताबों में यह किताब सबसे अधिक स्वागत योग्य है।