कई मौकों पर कट्टपंथियों के गुस्से का सामना कर चुकीं जानी मानी बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन का मानना है कि सेंसरशिप का सबसे बुरा रूप स्व सेंसरशिप है। बांग्लादेश में लेखकों, अल्पसंख्यक समुदाय के नेताओं और नास्तिक ब्लाॅगरों के खिलाफ बढ़ते हमलों पर तसलीमा ने कहा कि घातक परिणामों से बचने के लिए अब कई लेखक स्व सेंसरशिप अपनाने को मजबूर हो गए हैं।
तेजाब हमले की पीड़िता ने अदम्य साहस दिखाते हुए एमटीवी के रियलिटी शो रोडीज के ऑडिशन में हिस्सा लिया। कार्यक्रम के निर्णायक एवं गैंग लीडर तब हैरान रह गए जब वह पूरे आत्मविश्वनास से आईं।
हाल ही में चर्चा में चल रही बांग्ला फिल्म निरबाशितो की निर्देशिका चुरनी गांगुली का कहना है कि यह फिल्म विवादित बांग्लादेशी लेखिका तसलीमा नसरीन के जीवन पर आधारित नहीं है। हां लेकिन यह सच है कि फिल्म तसलीमा के निर्वासन के बाद की घटना से प्रेरित है।