केंद्रीय पर्यटन मंत्री केजे अल्फोंस ने शुक्रवार को एक बार फिर बीफ पर बड़ा बयान देते हुए पर्यटकों को सलाह दी है कि वे अपने देश में ही बीफ खाकर भारत आएं।
दिल्ली पुस्तक मेले में इस बार धार्मिक किताबों से संबंधित 20 से भी अधिक स्टॉल लगाए गए हैं। इन स्टाल्स में पुस्तक प्रेमियों के लिए मोक्ष, मानसिक शांति से जुड़ी ढेरों किताबें रखी गई हैं।
योगी आदित्यनाथ सरकार उत्तर प्रदेश में हवाई यात्रा को सुगम बनाने की दिशा में ठोस कदम उठाने जा रही है, जिसके तहत अगले दो-तीन सालों में प्रयाग अर्धकुम्भ (2019) समेत दूसरे धार्मिक पर्यटन को भी बढ़ावा दिया जाएगा।
हर बढ़ते दिन के साथ नैनीताल की नैनीझील का जलस्तर कम होता जा रहा है। अब सवाल उठ रहा है, क्या एक दिन यह खबसूरत झील मैदान में तब्दील हो जाएगी। घूमा फिर कर ये पांच वजह हैं, जिनके कारण नैनी झील संकट में है।
विश्व पुस्तक मेले का आज आखिरी दिन रहा और इसमें भाग लेने वाले प्रकाशकों ने पिछले सालों की तुलना में किताबों की बिक्री से अच्छा लाभ हासिल किया है और इस तरह से नौ दिनी यह आयोजन कई प्रकाशकों के लिए अच्छा रहा।
नोटबंदी के दो माह बाद आयोजित हो रहे विश्व पुस्तक मेले में उम्मीद थी कि मेले को नकदी की कमी का सामना नहीं करना पड़ेगा और प्रकाशक नकदी रहित लेन-देन के जरिये अपनी किताबें बेच लेंगे, लेकिन रुक-रुककर चलने वाले नेटवर्क और 2,000 रुपये के नोट के छुट्टे न मिल पाने से प्रकाशकों का किताब बिक्री का खेल बिगड़ रहा है।
मोम की मूर्तियों के लिए दुनिया भर के दर्शकों को आकर्षित करने वाला मैडम तुसाद का संग्रहालय अब भारत में भी होगा। यह संग्रहालय देश की राजधानी नई दिल्ली के हृदय स्थल कनॉट प्लेस में खुलेगा और इससे पर्यटन को नया आयाम मिलेगा।
राजस्थान में पर्यटन मौसम के शुरू होते ही पर्यटकों का आना शुरू हो जाता है लेकिन नोटबंदी के कारण राजस्थान में आने वाले पर्यटकों पर विपरीत प्रभाव पड़ा है। पर्यटकों, होटलों, रेस्तराओं और टैक्सी आपरेटरों सहित पर्यटन से जुड़े उद्योगों को प्रतिदिन के खर्च का भुगतान करने में समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।
छत्तीसगढ़ के बस्तर में 75 दिनों तक चलने वाले विश्व प्रसिद्ध दशहरा के लिए इन दिनों लगभग 34 गांवों में खासा उत्साह देखने को मिल रहा है। यहां रथ खींचने का अधिकार केवल किलेपाल के माड़िया लोगों को ही है। रथ खींचने के लिए जाति का कोई बंधन नहीं है। हर गांव से परिवार के एक सदस्य को रथ खींचना ही पड़ता है। इसकी अवहेलना करने पर परिवार की आर्थिक स्थिति को देखते हुए जुर्माना लगाया जाता है।