हरियाणा के रोहतक से निर्भया जैसी दर्दनाक घटना सामने आई है। सोनीपत की 23 वर्षीय युवती का अपहरण कर उसके साथ गैंगरेप किया और बर्बरता की सारी हदें पार कर दी गईं।
सुप्रीम कोर्ट ने आज निर्भया मामले में चार दोषियों की अपील पर हाईकोर्ट के फैसले पर मुहर लगाते हुए फांसी की सजा को बरकरार रखी है। फैसले के दौरान निर्भया के माता-पिता भी कोर्ट में मौजूद थे।
निर्भया बलात्कार और हत्या मामले में मौत की सजा पाने वाले दोषियों के वकीलों ने शुक्रवार को कहा कि जनता के दबाव में आकर ही उच्चतम न्यायालय ने दिल्ली उच्च न्यायालय के फैसले को बरकार रखा है।
दिल्ली के एक स्कूल द्वारा एक रेप पीड़ित छात्रा को एडमिशन नहीं देने का मामला सामने आया है। छात्रा के परिजनों ने स्कूल पर आरोप लगाया है कि उनकी बेटी को प्रवेश देने से स्कूल ने इंकार कर दिया है।
अनुसूचित जनजाति आयोग के नवनियुक्त अध्यक्ष नंदकुमार साय ने आज कहा कि देश के विभिन्न हिस्सों में आदिवासियों को आर्थिक और अन्य तरह का प्रलोभन देकर धर्मांतरण कराने की घटनाओं पर चिंता जताई। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार को इसे रोकने के लिए एक कानून लाना चाहिए और धर्मान्तरित आदिवासियों को मिलने वाली सुविधाएं समाप्त की जानी चाहिए।
केंद्रीय मंत्री उमा भारती ने कहा है कि बलात्कारियों को पहले जमकर पीटना चाहिए बाद में उनके घावों पर नमक और मिर्च रगड़ना चाहिए। बलात्कारियों पर एक आम आदमी अगर इस तरह की कठोर प्रतिक्रिया देता तो आवेशवश इसे एक हद तक सही समझा जा सकता था पर ऊंचे संवैधानिक पद पर बैठे एक मंत्री का ऐसा बयान देश के कानून पर सवारी कर रहा है।
केंद्र सरकार ने देश में पंजीबद़़ध 33 हजार एनजीओ में से 20 हजार के एफसीआरए लाइसेंस निरस्त कर दिए हैं। अब सिर्फ 13 हजार एनजीओ ही कानूनी तौर पर मान्य होंगे। फारेन कंट्रीब्यूशन रेगुलेशन एक्ट लाइसेंस निरस्त होने का मतलब ये हुआ कि ये एनजीओ अब विदेश से चंदा नहीं ले सकेंगे। यह फैसला होम मिनिस्ट्री ने लिया है। दिसंबर की शुरुआत में ही इन 13 हजार एनजीओ के लाइसेंस ऑनलाइन प्रोसीजर से रिन्यू किए गए थे।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक मामले की सुनवाई करते हुए व्यवस्था दी है कि बलात्कार के कारण जन्म लेने वाला बच्चा उसकी मां को मिले किसी भी तरह के मुआवजे से अलग मुआवजे का हकदार है।
बाॅलीवुड अभिनेत्री कैटरीना कैफ ने कहा है कि महिलाओं को चुपचाप अत्याचारों को सहन करने के बजाय उनके खिलाफ होने वाले वैवाहिक बलात्कार एवं अन्य तरह के अपराध जैसे मुद्दों पर निश्चित तौर पर आवाज उठानी चाहिए। अभिनेत्राी का कहना है कि कभी कभी यहां तक कि शिक्षित महिलाएं भी सामाजिक नियम कायदों के दबाव में घुटती रहती हैं और एेसे मुद्दों पर खामोशी ओढ़ लेती हैं, लेकिन एेसे मामलों में उन्हें आवाज उठानी चाहिए।