पेटीएम ने मोबाइल बटुए में क्रेडिट कार्ड के जरिये पैसा डालने पर 2 प्रतिशत शुल्क लगाने के फैसले को वापस ले लिया है। दो दिन पहले ही कंपनी ने यह शुल्क लगाया था।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मधुबनी चित्रकार बौआ देवी द्वारा बनाए गए कमल के एक फूल में रंग भरने के बाद राजनीतिक अटकलों :भाजपा और जदयू के एकबार फिर करीब आने: का बाजार गर्म होने को लेकर हंसे।
वोट और लड़कियों को लेकर दिए गए बयान पर शरद यादव ने अपने बयान पर सफाई देते हुए कहा कि मैंने कोई गलत बयान नहीं दिया है, वोट और बेटी के प्रति प्यार और इज्जत एक सा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि जैसा बेटी से प्यार करते हैं वैसे ही वोट से भी प्यार कीजिए, तभी देश और सरकार अच्छी बनेगी। शरद यादव के बयान पर राष्ट्रीय महिला आयोग ने उन्हें नोटिस भेज जवाब मांगा है।
मकर संक्रांति के मौके पर राष्ट्रीय जनता दल सुप्रीमो लालू प्रसाद के यहां चूड़ा दही के भोज का आयोजन किया गया। जिसमें पहली बार लालू की तरफ से भाजपा के नेताओं को भी न्योता भेजा गया था। हालांकि भाजपा ने इस न्योते को ठुकरा दिया और पार्टी का कोई भी नेता लालू के इस भोज में शामिल नहीं हुआ। लालू प्रसाद के इस आमंत्रण पर जदयू ने सवाल उठाए हैं।
राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने केंद्र सरकार के 500 और 1000 रूपये के पूराने नोटों पर रोक से जनता को हो रही कठिनाई को लेकर इसके खिलाफ अपने आंदोलन को तेज करते हुए सड़कों पर उतरने की घोषणा की है।
तमिलनाडु की मुख्यमंत्री जे जयललिता के निधन के बाद उनके उत्तराधिकारी को लेकर तरह तरह केे सवाल उठ रहे हैं। ओ पनीरसेल्वम, पी रामचंद्रन, थंबीदुरई, ई पलानीस्वामी और शशिकला नटराजन जैसे कई नाम सामने आए लेकिन किसी एक नाम पर सर्वसम्मति नहीं बनी। तमिलनाडु में अन्नाद्रमुक के अलावा अन्य राज्यों में सत्ताशीन क्षेत्रीय दलों में भी उत्तराधिकारी को लेकर समस्या है।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने शक्ति प्रदर्शन करते हुए आज नई दिल्ली में नोटबंदी के खिलाफ जनसभा की और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर हमला तेज करते हुए आरोप लगाया कि देश उनके हाथों में सुरक्षित नहीं है। ममता को नोटबंदी के खिलाफ अपने अबियान में जदयू, सपा, राकांपा और आप जैसी पार्टियों कता भी समर्थन मिला।
भाजपा के कांग्रेस मुक्त भारत की तर्ज पर संघ मुक्त भारत का नारा देने वाले नीतीश कुमार के राज में बिहार में संघ की शाखाओं की संख्या लगातार बढ़ रही हैं। ऐसे में भाजपा के पूर्व सहयोगी नीतीश कुमार की अपने नारे के प्रति गंभीरता पर सवाल उठने लाजिमी हैं।