विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन के लिए पीएम नरेंद्र मोदी को श्रेय देने पर उसकी सहयोगी पार्टी शिवसेना खासी झ्ाल्लाई हुई है। उसने इस पर कड़ा एेतराज जताया है। असम में भाजपा को जीत मिली है। जबकि अन्य राज्यों में पार्टी का पहले से थोड़ा बेहतर प्रदर्शन रहा है। पार्टी के नेता और कार्यकर्ता इस कामयाबी की वजह पीएम मोदी के करिश्माई व्यक्तित्व को मानते हैं।
सीबीएसई बोर्ड के 12 वीं के नतीजों में लड़कियों ने बाजी मार दी है। कुल 83.05 फीसदी छात्र छात्राओं ने परीक्षा पास की है। शनिवार को परिणाम घोषित किए गए। पास होने वालों में 88.58 फीसदी लड़कियां हैं, जबकि 78.85 फीसदी लड़के हैं। दिल्ली की सुकृति गुप्ता ने देश में शीर्ष स्थान हासिल किया है। उन्हें 99.4 फीसदी नंबर मिले हैं।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव में जीते कुल 812 विधायकों में से 36 फीसदी विधायकों ने अपने शपथपत्र में अपने खिलाफ आपराधिक मामला चलने की बात स्वीकार की है। एसोसिएशन ऑफ डेमेाक्रेटिक रिसर्च तथा नेशनल इलेक्शन वाच के सहयोग से हुए सर्वे में इस तरह की जानकारी सामने आई है।
पांच राज्यों के विधानसभा चुनाव परिणामों के बाद देश के सबसे बड़े राजनीतिक दल कांग्रेस में घोर निराशा है। पार्टी के बड़े नेताओं से लेकर छोटे से छोटे कार्यकर्ताओं के चेहरे मुरझाए हुए हैं। पार्टी के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह खासे झ्ाल्लाए हुए हैं।
असम विधानसभा चुनाव में भारी विजय के साथ पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु और केरल में नया वोट खाता खोलने से भारतीय जनता पार्टी और मोदी सरकार का आत्मविश्वास बढ़ गया है। असम-अरुणाचल प्रदेश जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में राष्ट्री य स्वयंसेवक संघ के स्वयंसेवक लगभग 40 वर्षों से सक्रिय थे। इसी जमीनी आधार का लाभ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह को असम में कमल खिलाने के लिए मिला है।
भारतीय जनता पार्टी में जहां 75 साल से ज्यादा की उम्र वाले नेताओं को राजनीति से रिटायर करने की बात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह कर चुके हैं, वहीं इस बार के विधानसभा चुनाव में कई राज्यों में विभिन्न पार्टियों के वयोवृद्ध नेता मैदान में उतर रहे हैं। वाममोर्चा और कांग्रेस में कई उम्मीदवार ऐसे हैं, जो 80 साल से ज्यादा की उम्र के हैं। केरल से माकपा के वयोवृद्ध नेता वीएस अच्युतानंदन मैदान में हैं, जो 92 साल के हैं। बंगाल वाममोर्चा के कई ऐसे नेता हैं, जो 75 पार कर चुके हैं। पूर्व मुख्यमंत्री ज्योति बसु 90 साल से ज्यादा की उम्र तक राजनीति में सक्रिय रहे। दोनों राज्यों में कांग्रेस के भी कई नेता ऐसे हैं, जो उम्र के आठवें पड़ाव में पहुंच चुके हैं।