भारतीय महिला हाकी टीम का लचर प्रदर्शन बदस्तूर जारी रहा और अमेरिका ने उसे 3-0 से हराकर रियो ओलंपिक में क्वार्टर फाइनल में प्रवेश के उसके रास्ते लगभग बंद कर दिये।
पुरूष हॉकी टीम और सेना के रोवर दत्तू बबन भोकनलाल को छोड़कर भारत के लिए रियो ओलंपिक का पहला दिन निराशाजनक रहा। पुरूष हॉकी टीम ने जहां ओलंपिक में पहला लीग मैच नहीं जीत पाने का 12 साल पुराना कलंक धो दिया वहीं भोकनलाल पुरूषों के एकल स्क्रल में अपनी हीट में तीसरे स्थान पर रहकर क्वार्टर फाइनल में पहुंच गए। इन दोनों को छोड़कर भारतीय दल को निशानेबाजी, टेनिस, टेबल टेनिस और भारोत्तोलन में निराशा ही हाथ लगी।
रियो ओलंपिक में शानदार शुरुआत करते हुए भारतीय पुरूष हॉकी टीम ने अपने पहले मैच में आयरलैंड को एक कड़े मुकाबले में 3-2 से हरा दिया। रूपिंदर पाल सिंह की अगुआई में ड्रैग फ्लिकरों के शानदार प्रदर्शन की बदौलत भारत ने यह जीत दर्ज की।
भारतीय निशानेबाज अपूर्वी चंदेला और आयोनिका पाल 10 मीटर एयर राइफल महिला स्पर्धा में उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन नहीं कर पाई और बुरी तरह पिछड़ते हुए रियो ओलंपिक स्पर्धा से बाहर हो गईं।
रियो ओलंपिक से पहले दमदार प्रदर्शन से उत्साहित भारतीय पुरूष टीम शनिवार से शुरू हो रही हाकी स्पर्धा में 36 साल पुराना पदक का इंतजार खत्म करने के इरादे से मैदान में उतरेगी। आठ बार की ओलंपिक चैम्पियन भारतीय टीम ने आखिरी बार ओलंपिक स्वर्ण 1980 में मास्को में जीता था।
ओलंपिक के लिए गई भारतीय हॉकी टीमों को खेल गांव में कुर्सियों और टीवी सेट की कमियों का सामना करना पड़ा रहा है। टीम के मुख्य कोच रोलेंट ओल्टमैंस ने शिकायत की है कि खिलाड़ियों के कमरे पूरी तरह तैयार नहीं हैं।