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अच्‍छे दिन :  देश में 15.2 फीसदी लोग आधा पेट खाकर गुजार रहे जीवन

अच्‍छे दिन : देश में 15.2 फीसदी लोग आधा पेट खाकर गुजार रहे जीवन

देश में भले ही जोर-शोर से कहा जा रहा हो कि हर तरफ विकास हो रहा है लेकिन विश्‍व मंंच में भारत की स्थिति कोई बेहतर नहीं कही जा सकती। वाशिंगटन ‌‌स्थित इंटरनेशनल फूड पालिसी रिसर्च इंस्टिच्यूट (आईएफपीआरआई) की एक रिपोर्ट में भारत भूखे देशों की सूची में शुुमार है।
ब्रिक्स : आतंकवाद पर राजनयिक आक्रामकता जारी रखेगा भारत

ब्रिक्स : आतंकवाद पर राजनयिक आक्रामकता जारी रखेगा भारत

ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में रूस के राष्‍ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और चीन के राष्‍ट्रपति शी चिनफिंग की मेजबानी करने वाला भारत पाकिस्तान से पैदा हो रहे आतंकवाद के खतरे को लेेकर इस दौरान भी उसके खिलाफ अपनी राजनयिक आक्रामकता जारी रख सकता है। पांच देशों वाले ब्रिक्स समूह का यह शिखर सम्मेलन गोवा में रविवार को आयोजित होगा।
एंटोनियो गुटेरेस कल औपचारिक रूप से चुने जाएंगे संयुक्त राष्ट्र महासचिव

एंटोनियो गुटेरेस कल औपचारिक रूप से चुने जाएंगे संयुक्त राष्ट्र महासचिव

संयुक्त राष्ट्र महासभा में कल पुर्तगाल के पूर्व प्रधानमंत्री एंटोनियो गुटेरेस को औपचारिक तौर पर वैश्विक संस्था का अगला महासचिव नियुक्त किया जाएगा। गुटेरेस वर्तमान महासचिव बान की मून की जगह लेंगे।
ब्रह्मपुत्र के जल बंटवारे पर भारत के साथ तंत्र स्थापित करना चाहता है चीन

ब्रह्मपुत्र के जल बंटवारे पर भारत के साथ तंत्र स्थापित करना चाहता है चीन

ब्रह्मपुत्र की एक सहायक नदी को बाधित कर भारत और पाकिस्तान के बीच पानी की लड़ाई में चीन के शामिल होने की खबरों को चीन की आधिकारिक मीडिया ने आज खारिज कर दिया। चीन ने कहा कि जल बंटवारे के लिए नई दिल्ली और बांग्लादेश के साथ बीजिंग एक संयुक्त बहुपक्षीय सहयोग तंत्र के लिए तैयार है।
मिस्र की परियोजना की तर्ज पर है स्वच्छ भारत कार्यक्रम : विश्व बैंक अध्यक्ष

मिस्र की परियोजना की तर्ज पर है स्वच्छ भारत कार्यक्रम : विश्व बैंक अध्यक्ष

विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम ने कहा कि भारत में एक अरब डॉलर की लागत वाली महत्वाकांक्षी स्वच्छ भारत ग्रामीण स्वच्छता परियोजना मिस्र के इसी तरह के एक सफल कार्यक्रम की तर्ज पर है और यह विश्व की सर्वश्रेष्ठ परिपाटियों को साझा करने का एक उदाहरण है।
'हर बार हमने शुरू की जंग, भारत से कभी कोई खतरा नहीं'

'हर बार हमने शुरू की जंग, भारत से कभी कोई खतरा नहीं'

भारत-पाक के बीच तनाव के माहौल में इन दिनों पाकिस्तानी वायुसेना के पूर्व प्रमुख एयर मार्शल असगर खान का एक वीडियो सोशल मीडिया पर काफी शेयर हो रहा है। 2011 के एक इंटरव्यू में खान ने पाकिस्तान के डिफेंस प्रमुखों को भ्रष्ट बताते हुए कहा था कि पाकिस्तान की भारत नीति हमेशा से गलत रही है, जबकि पाक को भारत की ओर से कभी खतरा नहीं रहा है। असगर ने कहा था कि पाकिस्तानी हुकूमत और डिफेंस के लोग अपने फायदे के लिए भारत के खिलाफ युद्ध की भावनाएं भड़काते रहते हैं, जबकि असलियत में पाक को भारत से कभी कोई खतरा नहीं रहा।
पाक की साजिशों को 1961 में पहले ही भांप लिए थे दीनदयाल उपाध्‍याय

पाक की साजिशों को 1961 में पहले ही भांप लिए थे दीनदयाल उपाध्‍याय

भाजपा की विचारधारा पर अमिट छाप छोड़ने वाले अमर विचारक दीनदयाल उपाध्याय ने 1961 में ही पाकिस्तान की नीयत को भांप लिया था। उन्होंने उस समय कहा था कि अधिक जमीन और पानी की पाकिस्तान की मांगों को स्वीकार कर भारत रणनीतिक तौर पर युद्ध हार रहा है। इससे भविष्य में दोनों देशों के बीच तनाव पैदा हो सकता है। उन्होंने यह भी कहा था कि भारत के सीमावर्ती इलाकों में ऐसे लोग नहीं होने चाहिए जिनकी 'ईमानदारी पर शक हो' और 'भारत की सीमा के कम से कम 15 मील के क्षेत्र में ऐसे लोग होने चाहिए जिन पर भरोसा किया जा सके।'
ऑटोमेशन से भारत में 69 प्रतिशत रोजगार को खतरा : विश्वबैंक

ऑटोमेशन से भारत में 69 प्रतिशत रोजगार को खतरा : विश्वबैंक

स्वचालन :आॅटोमेशन: के बढ़ते उपयोग से बड़े पैमाने पर रोजगार जा सकते हैं। विश्वबैंक की एक शोध रिपोर्ट के अनुसार इससे भारत में 69 प्रतिशत और चीन में 77 प्रतिशत रोजगार को खतरा है। इसमें कहा गया है कि विकासशील देशों में प्रौद्योगिकी परंपरागत आर्थिक रास्ते के प्रतिरूप को बुनियादी रूप से बाधित कर सकती हैं।
चंडीगढ़ पहुंचीं 19 पाकिस्तानी लड़कियां बोलीं, सिर्फ मीडिया में है जंग का माहौल

चंडीगढ़ पहुंचीं 19 पाकिस्तानी लड़कियां बोलीं, सिर्फ मीडिया में है जंग का माहौल

उड़ी हमले की पृष्ठभूमि में भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पड़ोसी देश की 19 लड़कियां मंगलवार की रात चंडीगढ़ पहुंचीं। इन लड़कियों का मानना है कि जंग का यह अफसाना सिर्फ हमारी सरकारों और मीडिया तक सीमित है जबकि सरहद के दोनों तरफ की आवाम को अमन चाहिए।
जंग के बगैर करें फौजी कार्रवाई

जंग के बगैर करें फौजी कार्रवाई

हम कितनी भी कोशिश कर लें- कूटनीतिक औजार कभी पाकिस्तान के साथ काम नहीं आते। अरसे से भारत का यही अनुभव रहा है। हमारे सामने हमेशा यही स्थिति बन जाती है कि बदनाम देश को हम और कितना बदनाम करें?
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