सीबीएसई के सभी छात्रों के लिए साल 2018 से 10 वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षा अनिवार्य होने वाली है। इसकी संचालन इकाई ने इस बारे में एक प्रस्ताव को आज आमराय से मंजूरी दे दी।
भारतीय क्रिकेट टीम के लिये शानदार वर्ष का अंत सकारात्मक रूप से करते हुए स्टार आल राउंडर रविंद्र जडेजा ने आज वादा किया कि वे 2017 में विदेश में खराब प्रदर्शन करने वाली टीम का टैग हटाने की कोशिश करेंगे।
इंग्लैंड के आल राउंडर बेन स्टोक्स ने कहा कि भारतीय बल्लेबाजी सिर्फ विराट कोहली पर ही निर्भर नहीं है और यह पांच मैचों की मौजूदा सीरीज में भी साबित हो गया जिसमें मेहमान टीम को इसका नुकसान उठाना पड़ा।
सरकार देश के ढांचागत क्षेत्र के विकास के लिये जरूरी प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) में वर्ष 2016 में किये गये सुधारों के आधार पर एफडीआई प्रवाह अगले साल भी बेहतर रहने की उम्मीद कर रही है। इस वर्ष जनवरी से सितंबर के दौरान एफडीआई प्रवाह 21 प्रतिशत बढ़कर 32.18 अरब डालर रहा।
उच्चतम न्यायालय ने देश भर में राष्ट्रीय और राज्यों के राजमार्गों पर शराब की सभी दुकानें बंद करने का आज आदेश दिया और साथ ही स्पष्ट किया कि शराब की मौजूदा दुकानों के लाइसेंस का 31 मार्च, 2017 के बाद नवीनीकरण नहीं किया जायेगा।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने 1987 के हाशिमपुरा नरसंहार में संलिप्त पुलिसकर्मियों की पहचान से जुड़े सबूतों के नष्ट होने के दावों और पीड़ितों के निकट परिजनों के लिए तय मुआवजे दूर के परिचितों को दिए जाने पर आज चिंता प्रकट की।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक मामले की सुनवाई करते हुए व्यवस्था दी है कि बलात्कार के कारण जन्म लेने वाला बच्चा उसकी मां को मिले किसी भी तरह के मुआवजे से अलग मुआवजे का हकदार है।
ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुसलीमीन (एआईएमआईएम) के अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने आज उच्चतम न्यायालय के इस आदेश का स्वागत किया कि देश भर के सिनेमाघरों को फिल्म की शुरूआत से पहले राष्ट्रगान निश्चित तौर पर बजाना होगा। हालांकि, ओवैसी ने सवाल किया कि क्या इससे देशभक्ति की भावना मजबूत करने में मदद मिलेगी।
पूजा के स्थलों में लैंगिक समानता के अभियान की जीत के प्रतीक के तौर पर महिलाओं को एक बेहतर सफलता परवान चढ़ी है। महिला कार्यकर्ताओं के एक समूह ने मुंबई के पवित्र हाजी अली दरगाह के भीतर मजार तक प्रवेश कर वहां जियारत की। कोर्ट के फैसले के बाद दरगाह ट्रस्ट बोर्ड ने दरगाह मेंं मजार तक महिलाओं के प्रवेश को मंजूरी दी थी।
दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा कि किसी बेटे को अपने माता पिता के खुद की अर्जित किये गये घर में रहने का कोई कानूनी अधिकार नहीं है और वह केवल उनकी दया पर ही वहां रह सकता है, फिर चाहे बेटा विवाहित हो या अविवाहित।