बांग्लादेश में प्रतिबंधित फिल्म दूब नो बेड ऑफ रोजेज में भारतीय कलाकार इरफान खान काम कर रहे हैं। यह फिल्म 31 मार्च को आएगी। इरफान खान इस फिल्म का पोस्टर जारी किया।
दिल्ली, एनसीआर और आसपास के इलाके में दस रुपये के नकली सिक्कों के चलन और उनसे संबंधित पकड़-धकड़ की हलचल चल ही रही थी कि इस बीच उत्तर प्रदेश फैजाबाद में सिक्के लेने से इनकार करने पर करीब ५७ दुकानों को सील कर उनके खिलाफ कानूनी कदम उठाते हुए मुकदमा व जुर्माना आदि की कार्रवाई किए जाने की खबर आई है।
पिछले दिनों आगरा शहर और दिल्ली के कई मेट्रो स्टेशनों पर ‘23 सितंबर 2016 से ताजमहल पर्यटकों के लिए बंद’ के पोस्टर लगने के बाद सनसनी मच गई, हर कोई हैरान था कि आखिर ताजमहल दर्शकों के लिए बंद क्यों कर दिया गया है।
झूठी शान की खातिर 1980 में हुई हत्या के एक मामले में दोषी करार दिए गए बिस्तर पर पड़े 92 वर्षीय एक व्यक्ति को आखिरकार जेल जाना पड़ेगा क्योंकि उच्चतम न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा काटने के लिए पुलिस के समक्ष आत्मसमर्पण करने से उसे कोई भी छूट प्रदान करने से मना कर दिया।
पीकू और लंच बॉक्स जैसी फिल्मों में दो बिलकुल विपरीत भूमिका कर चुके इरफान के नए प्रशंसकों में बांग्लादेश के नामी निर्देशक मुस्तफा सरवर फारूकी का नाम भी जुड़ गया है। इस फिल्म के आने से यह भी साबित होगा कि बांग्लादेश में बॉलीवुड या इसके कलाकारों का विरोध नहीं होता है।
अपने संजीदा अभिनय के लिए मशहूर इरफान खान जल्द ही जाने-माने बांग्लादेशी निर्देशक मुस्तफा सरवर फारूकी के निर्देशन में बनने वाली अंतरराष्ट्रीय फिल्म नो बेड ऑफ रोजेज में मुख्य भूमिका में नजर आएंगे।
दिल्ली में पांच साल में डेंगू के सबसे बुरे प्रकोप के चलते यहां अस्पतालों को मरीजों के लिए बिस्तर उपलब्ध कराने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है जबकि चिकित्सक शिकायत कर रहे हैं कि वे काम के बोझ से दबे जा रहे हैं। हालांकि स्वास्थ्य अधिकारियों ने वेक्टर-जनित रोग को नियंत्राण करने के लिए उपाय तेज कर दिए हैं, लेकिन स्थिति को पूरी तरह काबू में किया जाना अभी बाकी है, क्योंकि डेंगू के मामलों की संख्या 2,000 तक पहुंचने को है।
विश्व के सात अजूबों में शामिल ताज महल के मुख्य प्रवेश द्वार पर लगा ब्रिटिश काल का 60 किलोग्राम वजन का एक झाड़फानूस हाल में गिर गया और भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) ने इस संबंध में जांच शुरू कर दी है।