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भिखारी से बनें कारोबारी

भिखारी से बनें कारोबारी

लगभग 35 साल पहले 65 वर्षीय सुनील घोषाल बंगाल में अपने गांव हरोका से भागकर वृंदावन आ गए थे। वह बताते हैं कि उनके शरीर में कुष्ठ रोग के हल्के से कुछ दाग उभर आए थे। इस वजह से उनके घर से बाहर निकलने पर पाबंदी लगा दी गई। किसी मेहमान के आने पर घोषाल को छिपा दिया जाता। एक रोज उनकी बड़ी बहन को लड़के वाले देखने आए तो घोषाल को एक कमरे में बंद कर दिया गया। ऐसी जिंदगी से तंग आकर अगले ही दिन वह बिना किसी को बताए घर से भाग गए। कुछ दिन उत्तर प्रदेश की खाक छानते रहे फिर वृंदावन आकर बस गए।
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