Advertisement

Search Result : "bhartiya vidhya bhawan"

स्वच्छता रेटिंग में पिछड़ा राष्ट्रपति भवन

स्वच्छता रेटिंग में पिछड़ा राष्ट्रपति भवन

राष्ट्रपति भवन में चाहे और बहुत कुछ हो मगर सफाई जरा कम है। हाल ही में जारी स्वच्छता अभियान रेटिंग में राष्ट्रपति भवन पिछड़ गया है। राष्ट्रपति भवन को हैदराबाद हाउस, विज्ञान भवन और जवाहरलाल नेहरू भवन ने पछाड़ा है।
वह सिर्फ जूता तो नहीं बनाता

वह सिर्फ जूता तो नहीं बनाता

घर-घर घूमा, रात-बिरात, मगर एक आवाज, ये बदमस्ती तो होगी, देखा-अदेखा, लिखे में दुक्‍ख, एक बहुत कोमल तान, मनवा बेपरवाह, अंदमान-निकोबार की लोक कथाएं, पहाड़ और परी का सपना (लोक कथाएं), चांद पर धब्बा, पेड़ बोलते हैं (बाल कहानी संग्रह)। चेखव की कथा पर फिल्म एवं प्रख्यात कथाकार ज्ञानरंजन पर वृत्तचित्र का निर्देशन। घर-घर घूमा कविता संग्रह पर मध्यप्रदेश साहित्य परिषद के रामविलास शर्मा सम्मान से पुरस्कृत, रात-बिरात कविता संग्रह मध्य प्रदेश साहित्य सम्मेलन के वागेश्वरी पुरस्कार तथा मध्य प्रदेश कला परिषद के रजा सम्मान से सम्मानित।
चार्ल्स कोरिया: रोशनी और हवा से रचते थे इमारतें

चार्ल्स कोरिया: रोशनी और हवा से रचते थे इमारतें

भारत के संभवतः सबसे चर्चित और प्रतिष्ठित वास्तुकार (हालांकि मुझे स्थापति शब्द बेहतर नजर आता है) चार्ल्स कोरिया (1924-2015) का मुंबई में 16 जून को निधन हो गया। यह कला और स्थापत्य की दुनिया के लिए बुरी खबर है। उनका जन्म 1 सितंबर, 1930 के दिन सिकंदराबाद (आंध्र प्रदेश) में हुआ था। चार्ल्स कोरिया के निधन से कुछ ही दिन पहले चंडीगढ़ के प्रसिद्ध रॉक गार्डन’ के रचनाकार नेकचंद (1924-2015) के न रहने की बुरी खबर मिली थी।
कसाब-गांधी के संवाद के बहाने

कसाब-गांधी के संवाद के बहाने

‘कसाब.गांधी@यरवदा.इन’ संग्रह पंकज सुबीर का तीसरा संग्रह है और अपने पूर्व के दो संग्रहों की ही तरह इसमें भी पंकज सुबीर की कहानियों की विषय वैविध्यता दिखाई देती है। कई कई विषयों को समेटे हुए दस कहानियां हैं। इनमें विषयों में सांप्रदायिकता है, आतंकवाद है, बचपन की फैंटेसी है, मध्यमवर्गीय जीवन है, देह के समीकरण हैं और कुछ रहस्य की कहानियां भी हैं। मतलब यह कि दस कहानियों में लगभग दस अलग-अलग विषयों को समेटने की कोशिश की गई है।
पीकू पहुंची राष्ट्रपति भवन

पीकू पहुंची राष्ट्रपति भवन

अभी तक भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी के हिंदी फिल्मी प्रेम के बारे में लोगों को पता था। लेकिन लगता है राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी भी फिल्मों के शौकीन हैं। राष्ट्रपति भवन में पीकू फिल्म का खास शो रखा गया।
गहरे हैं रंग ' कैनवास पर प्रेम ' के

गहरे हैं रंग ' कैनवास पर प्रेम ' के

विमलेश त्रिपाठी के उपन्यास 'कैनवास पर प्रेम ' के नाम ने आकर्षित किया था। नाम से कहानी का जो कुछ अंदाजा होता है वह ठीक-ठीक होते हुए भी उससे बहुत अलग भी है।
कविताओं में अभिव्यक्ति

कविताओं में अभिव्यक्ति

ऑल इंडिया रेडिओ और प्रसार भारती ने मिल कर दिल्ली के भारतीय विद्या भवन में 13 मई की शाम ‘अखिल भारतीय कवयित्री सम्मेलन’ का आयोजन किया
किसानों को आज फिर टिकैत जैसे नेता की जरुरत

किसानों को आज फिर टिकैत जैसे नेता की जरुरत

चौ. टिकैत के आन्दोलन में न तो नेताओं की भरमार थी और न पदाधिकारियों की कतार। इस आन्दोलन में शामिल हर व्‍यक्ति सिर्फ किसान था। चौ. टिकैत जनता के बीच से आए थे और अाखिरी दम तक जनता के बीच रहे। यही सादगी और खरापन उनकी पहचान बन गया। उनकी मृत्यु के बाद किसान आन्दोलन में पैदा खालीपन की भरपाई आज तक नहीं हो पाई है।
कहानी - भेड़िया

कहानी - भेड़िया

दिल्ली में जन्मी योगिता यादव का पहला कहानी संग्रह भारतीय ज्ञानपीठ के आठवें नवलेखन पुरस्कार से सम्मनित किया गया और बाद में वहीं से प्रकाशित हुआ। कहानी झीनी झीनी रे चदरिया को अपने खास शिल्प के कारण आठवें अखिल भारतीय कलमकार कहानी प्रतियोगिता में दि्वतीय पुरस्कार प्राप्त हुआ। उन्हें जम्मू कश्मीर के विशेष सांस्कृतिक अध्ययन के लिए संस्कृति मंत्रालय से जूनियर फैलोशिप मिल चुकी है। वह पिछले 13 सालों से पत्रकारिता में भी सक्रीय हैं। फिलवक्त दैनिक जागरण के जम्मू संस्करण में कार्यरत।
Advertisement
Advertisement
Advertisement