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भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार का रास्ता मुश्किल भरा : सिटीग्रुप

भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार का रास्ता मुश्किल भरा : सिटीग्रुप

भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार का रास्ता मुश्किल भरा रहा है क्योंकि वित्त वर्ष 2015-16 में औसत निवेश सूचकांक वित्त वर्ष 2006-07 के उच्चतम स्तर के मुकाबले लगभग 35 प्रतिशत नीचे रहा है। यह बात सिटीग्रुप की एक रपट में कही गई है।
बेल पर रिहा हुए दयाशंकर ने दी मायावती को चुनाव लड़ने की चुनौती

बेल पर रिहा हुए दयाशंकर ने दी मायावती को चुनाव लड़ने की चुनौती

अभद्र टिप्पणी के आरोप में गिरफ्तारी के बाद जमानत पर रिहा हुए पूर्व भाजपा नेता दयाशंकर सिंह ने बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती को अपनी पत्नी के खिलाफ चुनाव लड़ने की खुली चुनौती दी है। दयाशंकर ने बसपा प्रमुख द्वारा कथित रूप से चुनाव के टिकट बेचे जाने की सीबीआई जांच की भी मांग की।
बरखा का हमला : अर्नब पत्रकार होकर खुद मीडिया के दमन का कर रहे समर्थन

बरखा का हमला : अर्नब पत्रकार होकर खुद मीडिया के दमन का कर रहे समर्थन

टाइम्‍स नाउ में मंगलवार को प्रसारित हुए अर्नब गोस्‍वामी के शो में कश्मीर पर वार्ता में पाकिस्तान को शामिल करने का समर्थन करने को लेकर परिचर्चा की गई। इस शो में संपादक अर्नब गोस्‍वामी के मीडिया के प्रति नकारात्‍मक रवैये को लेकर एनडीटीवी की बरखा दत्‍त ने उन पर हमला बोला है।
भाजपा के ये बरखुरदार ही मोदी को ललकार सके

भाजपा के ये बरखुरदार ही मोदी को ललकार सके

जीवन के सबसे सुनहरे दौर से गुजर रहे पीएम नरेंद्र मोदी को चुनौती देना आसान नहीं। प्रधानमंत्री बनने के बाद भाजपा की पहचान उन्‍हीं से होती है। मोदी और भाजपा अध्‍यक्ष अमित शाह आज सबसे ताकतवर हैं। आज इन्‍हीं के नाम पर भाजपा चुनाव लड़ती है। कामयाबी का श्रेय भी इन दोनों को मिलता है। दोनों के फैसलों पर शायद ही किसी के पास आवाज उठाने की कूबत है। केंद्र में मोदी सरकार को दो साल हो गए हैं। इस दौरान भाजपा के किसी नेता ने भी मोदी को चुनौती नहीं दी। लेकिन क्रिकेट और बॉलीवुड से आए नेताओं ने मोदी को तवज्‍जो नहीं दी है।
आधुनिक हो रहे आरएसएस का इंटरनेट के जरिये युवाओं को जोड़ने का कार्यक्रम

आधुनिक हो रहे आरएसएस का इंटरनेट के जरिये युवाओं को जोड़ने का कार्यक्रम

राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पारंपरिक रूप से लोगों को खुद से जोड़ने के साथ-साथ अब आधुनिक दौर के अनुसार हाईटेक होता जा रहा है। इसके तहत संघ अपनी वेबसाइट के माध्यम से अपनी पहुंच को व्यापक करने के साथ आईटी पेशेवरों तथा शहरों में रहने वाले युवाओं को भी स्वयं से जोड़ रहा है।
दक्षिण चीन सागर पर फैसले से पहले मीडिया ने चीन को सतर्क रहने को कहा

दक्षिण चीन सागर पर फैसले से पहले मीडिया ने चीन को सतर्क रहने को कहा

दक्षिण चीन सागर में चीन के दावों पर अंतरराष्ट्रीय न्यायाधिकरण के फैसले से पहले राष्ट्रीय एकजुटता का आह्वान करते हुए चीन की सरकारी मीडिया ने अमेरिका और जापान के खिलाफ अपनी नाराजगी जाहिर करते हुए कहा है कि चीन को सतर्क रहना चाहिए।
अब भी 1962 के युद्ध की मानसिकता में अटका है भारत: चीनी मीडिया

अब भी 1962 के युद्ध की मानसिकता में अटका है भारत: चीनी मीडिया

चीन द्वारा एनएसजी में प्रवेश बाधित करने को लेकर भारत की कड़ी प्रतिक्रियाओं के बीच चीन के एक सरकारी समाचार पत्र ने कहा है कि भारत अब भी 1962 के युद्ध की मानसिकता मे अटका हुआ है। समाचार पत्र ने बीजिंग के रुख का अधिक तथ्यपरक मूल्यांकन किए जाने की अपील की।
वाह पीएम साहब, क्‍या कहने : इंटरव्‍यू के सवाल पहले आप मंगाते हैं अपने पास

वाह पीएम साहब, क्‍या कहने : इंटरव्‍यू के सवाल पहले आप मंगाते हैं अपने पास

अभी टाइम्‍स नाऊ के एडिटर इन चीफ अरनब गोस्‍वामी द्वारा लिए गए पीएम मोदी के इंटरव्यू पर बहस समाप्‍त ही नहीं हुई थी कि पीएम माेदी के एक और इंटरव्‍यू की चर्चा सोशल मीडिया में चर्चा का केंद्र बन गई है। यूएई में रहने वाले एक जर्नलिस्‍ट ने मोदी का इंटरव्यू लेने का अनुभव फेसबुक पर शेयर किया है। जिसमें उन्‍होंने कहा कि पीएम मोदी इंटरव्‍यू से पहले सवाल अपने पास मंगाते हैं।
सोशल मीडिया में अर्नब की खिंचाई, पीएम माेदी के इंटरव्‍यू से अहम मसलेे रहे गायब

सोशल मीडिया में अर्नब की खिंचाई, पीएम माेदी के इंटरव्‍यू से अहम मसलेे रहे गायब

प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने पहली बार भारतीय मीडिया को इंटरव्यू दिया। जिस पर सोशल मीडिया में चर्चा जारी है। अधिकांश लोगों की राय है कि ज्‍वलंत मसलों पर टाइम्‍स नाउ के अर्नब गोस्‍वामी ने पीएम मोदी को अटैैक नहीं किया। लिहाजा यह इंटरव्‍यू भी एक खानापूर्ति ही साबि‍त होकर रह गया।
चर्चा: छोटे पर्दे पर धार बिना तलवारबाजी। आलोक मेहता

चर्चा: छोटे पर्दे पर धार बिना तलवारबाजी। आलोक मेहता

मीडिया के कुछ लोगों को तो पूर्वाग्रही कहा जा सकता है और प्रतियोगी भाव कि प्रधानमंत्री ने अर्णब गोस्वामी को ही पहले इंटरव्यू के लिए क्यों चुना? हम जैसे पत्रकार मानते हैं कि यह अर्णब गोस्वामी की बड़ी सफलता है, जो प्रधानमंत्री को अपने चैनेल को इंटरव्यू के लिए तैयार कर सके। इसी तरह नरेंद्र मोदी ने भी पुराने ढर्रे को त्यागकर दूरदर्शन अथवा लोक सभा, राज्य सभा टी.वी. चैनलों के बजाय एक निजी चैनल को इंटरव्यू देने का फैसला कर नया अध्याय जोड़ा। यूं उनकी सरकार दावा यही करती है कि प्रसार भारती के दूरदर्शन चैनल की पहुंच दूरदराज के गांवों सहित देश के हर कोने में है, जहां निजी अंग्रेजी चैनल तो क्या हिंदी चैनल की पहुंच भी नहीं है।
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