Advertisement

Search Result : "cheaper rates"

एसबीआई ने बेंचमार्क ऋण दरों में 0.9 प्रतिशत कटौती की घोषणा की

एसबीआई ने बेंचमार्क ऋण दरों में 0.9 प्रतिशत कटौती की घोषणा की

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बैंकों से गरीबों तथा निम्न मध्यम वर्ग को ऋण में प्राथमिकता देने को कहा था। इसके बाद देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने रविवार को अपनी विभिन्न परिपक्वता अवधि की बेंचमार्क ऋण दरों में 0.9 प्रतिशत कटौती की घोषणा की। नई दरें तत्‍काल प्रभावी होंगी। अनुमान है कि अन्य बैंक भी ऐसा कदम उठा सकते हैं।
जीएसटी के तहत कई दरें रखना नुकसानदायक: चिदंबरम

जीएसटी के तहत कई दरें रखना नुकसानदायक: चिदंबरम

पूर्व वित्त मंत्री पी चिदंबरम ने आज कहा कि प्रस्तावित वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) व्यवस्था के तहत कर की कई दरें रखना घातक होगा और यह पुराने वैट को नए आकार में पेश करने के अलावा और कुछ नहीं होगा।
जीएसटी से खाद्य तेल, मसाले होंगे महंगे, टेलीविजन, एयर कंडीशनर होंगे सस्ते

जीएसटी से खाद्य तेल, मसाले होंगे महंगे, टेलीविजन, एयर कंडीशनर होंगे सस्ते

वस्तु एवं सेवाकर (जीएसटी) के प्रस्तावित चार स्तरीय ढांचे से आम आदमी प्रभावित हो सकता है। इस कर ढांचे के अमल में आने से आम आदमी की रसोई में काम आने वाले खाद्य तेल, मसाले और चिकन जैसा सामान महंगा हो सकता है। अप्रत्यक्ष कर के इस ढांचे में दूसरी तरफ कुछ टिकाऊ उपभोक्ता सामान जैसे टेलीविजन, एयर कंडीशनर्स, फ्रिज और वाशिंग मशीन आदि करों में कमी से सस्ते हो सकते हैं।
रिलायंस जियो की पेशकश मुफ्त में करो बात, डेटा भी सस्ता

रिलायंस जियो की पेशकश मुफ्त में करो बात, डेटा भी सस्ता

रिलायंस इंडस्टीज के चेयरमैन मुकेश अंबानी ने आज जियो के ग्राहकों के लिए मुफ्त वॉयस कॉलिंग, शून्य रोमिंग शुल्क और सस्ती डेटा दरों की घोषणा की। इसके अलावा अंबानी ने जियो ग्राहकों के लिए पांच सितंबर से 31 दिसंबर तक के लिए मुफ्त वेलकम ऑफर की भी घोषणा की। जियो शुरूआती चार महीनों के लिए मुफ्त डेटा सेवाओं की पेशकश कर रही है और उसके बाद वह डेटा के दस प्लानों की पेशकश करेगी।
जेटली ने बचत पर ऊंची ब्याज दरों पर उठाया सवाल

जेटली ने बचत पर ऊंची ब्याज दरों पर उठाया सवाल

वित्त मंत्री अरूण जेटली ने आज बचत पर ऊंची ब्याज दरों को लेकर सवाल उठाते हुए कहा कि यह सोचने वाली बात है कि क्या हमें बचत पर ऊंची ब्याज दर जारी रखनी चाहिए क्योंकि इससे कर्ज महंगा होता है और अर्थव्यवस्था की रफ्तार धीमी होती है।
Advertisement
Advertisement
Advertisement