गोरखपुर के बाद अब राजस्थान में बच्चों की मौत का मामला सामने आया है। यह मामला बांसवारा के महात्मा गांधी अस्पताल का है, जहां करीब 51 दिनों में 81 नवजात शिशुओं की मौत हो गई है।
मेडिकल कॉलेज के प्राचार्य डॉक्टर पीके सिंह ने बताया कि इस साल जनवरी से अब तक इंसेफेलाइटिस, एनआईसीयू तथा सामान्य चिल्ड्रन वार्ड में कुल 1250 बच्चों की मौत हो चुकी है।
उत्तर प्रदेश के गोरखपुर और छत्तीसगढ़ के अस्पताल में बच्चों की मौत की खबर से अभी हम उबरे ही नहीं थे कि अब जमशेदपुर के अस्पताल में एक साथ कई बच्चों की मौत ने चौंका दिया है।
कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी शनिवार को उन मृतक बच्चों के परिजनों से मुलाकात की जिनकी पिछले दिनों गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल में मौत हो गई थी। इस दौरान राहुल बीआरडी अस्पताल का भी दौरा करेंगे।
त्रासदी के करीब एक हफ्ते बाद शनिवार को कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी गोरखपुर के बीआरडी अस्पताल का दौरा करेंगे। इस दौरान राहुल मृतक बच्चों के परिजनों से मिलेंगे।
एक साथ दो बच्चों का जन्म एक आम बात है। वहीं, एक साथ तीन बच्चों का जन्म होना भी अब एक आम बात हो गई है, लेकिन एक साथ चार बच्चों का जन्म होना किसी अनोखी घटना से कम नहीं है।
एक तरफ कई राज्य सरकारें शराबबंदी पर जोर दे रही हैं तो दूसरी तरफ यूपी में जहरीली शराब से हुई मौतों ने सरकार की नीति पर सवाल खड़े कर दिए हैं। आजमगढ़ व लखनऊ में जहरीली शराब पीने से 23 लोगों की मौत हो चुकी है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सीएम के निर्देश पर डीएम ने थानाध्यक्ष रौनापर, इलाके के सब इंस्पेक्टर समेत तीन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है तथा मजिस्ट्ररियल जांच के आदेश दे दिए गए हैं। सवाल यह है कि क्या निलंबन और जांच से मृतकों के परिजनों को न्याय मिल पाएगा और क्या इस तरह का गोरखधंधा बिना पुलिस की मिलीभगत के संभव है। सरकार क्या भविष्य में इस तरह की घटनाओं पर रोक लगा पाएगी।