आयकर विभाग अगले महीने से ‘प्रोजेक्ट इनसाइट’ के तहत बड़े पैमाने पर डेटा विश्लेषण और सोशल साइटों पर मौजूद सूचनाओं को मिलाएगा जिससे किसी व्यक्ति के खर्च और घोषित आमदनी के बीच अंतर का पता लगाया जा सके।
दोनों देशों के बीच सात समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। गंगा की सफाई करने को लेकर भी समझौता हुआ है। इजरायल की पानी को साफ करने की तकनीक काफी एडवांस मानी जाती है।
केंद्र सरकार ने 2017 में किए गए सर्वे के बाद स्वच्छ शहरों की सूची पेश की है उसमें कुछ शहरों को निचले पायदान पर रखा गया है। वहीं कुछ शहरों को एक-दो सालों के अंतराल में ही शीर्ष स्थान में शामिल किया गया है। सरकार के मापदंडों के आधार पर शहरों का क्रम विकास के पैमाने को अवश्य परिभाषित कर रहा है लेकिन कुछ खास शहरों का पीछे रह जाना कुछ सवाल भी पैदा कर रहा है।
केंद्र सरकार की ओर से कराए गए स्वच्छता सर्वेक्षण में मध्य प्रदेश के इंदौर और भोपाल ने बाजी मार ली है। लेकिन कई शहर साफ-सफाई के मामले में पिछड़ते जा रहे हैं। उत्तर प्रदेश के चार शहर तो सबसे निचले पायदान पर हैं।
इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी या उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री आदित्यनाथ योगी की हिदायतों का नतीजा कहें, या फिर मानवीय जिम्मेदारी का बोध। बहरहाल, कार्यभार ग्रहण करने गये प्रदेश के पर्यावरण राज्यमंत्री उपेन्द्र तिवारी ने खुद झाडू़ लेकर अपने दफ्तर और उसके बाहर के गलियारे की सफाई की।
विश्व जल दिवस से एक दिन पूर्व जारी एक नई वैश्विक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के ग्रामीण इलाकों में रहने वाले छह करोड़ 30 लाख लोगों को स्वच्छ पानी नहीं मिल पाता है। रिपोर्ट के मुताबिक भारत में यह संख्या सबसे ज्यादा है।