रिलायंस कम्युनिकेशंस को बाजार नियामक भारतीय प्रतिभूति विनिमय बोर्ड (सेबी) एवं शेयर बाजारों से अपने वायरलेस कारोबार को अलग कर एयरसेल लिमिटेड में मिलाने की मंजूरी मिल गई है।
आम लोगों के फायदे की खातिर प्रौद्योगिकी को उन्नत बनाने के लिए देश को और अधिक वैज्ञानिकों की जरूरत पर बल देते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को कहा कि 104 उपग्रहों का एक साथ प्रक्षेपण और एक नयी मिसाइल के सफल परीक्षण जैसी उपलब्धियों के माध्यम से हमारे वैज्ञानिकों ने राष्ट्र को गौरवान्वित किया और दुनिया भर में उनकी सराहना हुई है।
रिलायंस कम्युनिकेशंस लिमिटेड (आरकॉम) अपने टावर कारोबार की 51 प्रतिशत हिस्सेदारी कनाडा के ब्रुकफील्ड इंफ्रास्टक्चर ग्रुप को 11,000 करोड़ रुपये के लगे हाथ भुगतान पर बेचेगी। कंपनी ने यहां एक बयान में बताया, प्रस्तावित सौदे से आरकॉम को शुरू में ही 11,000 करोड़ रपये नकद मिलेंगे। आरकॉम को आगे इस कारोबार में 49 प्रतिशत हिस्सेदारी का फायदा होता रहेगा। बयान में कहा गया है कि आरकॉम की योजना बिक्री प्रक्रिया से अपना कर्ज कम करने की है।
भारत के नवीनतम संचार उपग्रह जीसैट 18 का फ्रेंच गुयाना में कोउरू के अंतरिक्ष केंद्र से एरियनस्पेस राॅकेट के जरिए गुरुवार को सफल प्रक्षेपण किया गया। यह प्रक्षेपण पहले बुधवार को किया जाना था लेकिन कोउरू में मौसम खराब होेने के कारण इसे 24 घंटे के लिए टाल दिया गया था। कोउरू दक्षिणी अमेरिका के पूर्वाेत्तर तट स्थित एक फ्रांसीसी क्षेत्र है। पीएम मोदी ने इसरो को इस ऐतिहासिक सफलता पर बधाई दी है। मोदी ने सफल प्रक्षेपण को देश के अंतरिक्ष कार्यक्रम का दूसरा मील का पत्थर बताते हुये वैज्ञानिको की सराहना की।
भारतीय अंतरिक्ष एजेंसी इसरो ने बुधवार आंध्रप्रदेश के श्रीहरिकोटा रेंज से एक ही उड़ान में एक साथ 20 सैटेलाइट अंतरिक्ष में लॉन्च कर नया इतिसास रच दिया है। इसरो के ध्रुवीय उपग्रह प्रक्षेपण यान की ये उड़ान सुबह 9 बजकर 26 मिनट पर लॉन्च की गई। ऐसी सुनहरी कामयाबी पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ट्वीट कर वैज्ञानिकों को बधाई दी है। इस कामयाबी के बाद भारत अमेरिका और रुस के एलीट क्लब में शामिल हो गया है।
अमेरिका आधारित जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) जैसी क्षमता हासिल करने की दिशा में एक और कदम बढ़ाते हुए बुधवार को भारत ने अपने पांचवे दिशासूचक उपग्रह आईआरएनएसएस-।ई का सफलतापूर्वक प्रक्षेपण कर दिया। भारत ने यह प्रक्षेपण अपने विश्वसनीय पीएसएलवी-सी31 के माध्यम से किया।
भारत से अगले हफ्ते सिंगापुर निर्मित छह सेटेलाइट प्रक्षेपित किए जाएंगे। भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान परिषद (इसरो) के एक वरिष्ठ अधिकारी ने यह जानकारी देते हुए बताया कि कुल 625 किलो वजन वाले इन प्रक्षेपास्त्रों को पोलर सेटेलाइट लांच व्हिकल (पीएसएलवी) रॉकेट से प्रक्षेपित किया जाएगा।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संस्थान (इसरो) अगले महीने ऐसे रॉकेट का प्रक्षेपण करने वाला है जिसे दोबारा इस्तेमाल में लाया जा सके। अगर भारत का यह प्रक्षेपण सटीक रहा तो भविष्य में उपग्रहों को अंतरिक्षण में भेजने की लागत में बहुत कमी हो जाएगी क्योंकि हर बार नया रॉकेट नहीं इस्तेमाल करना पड़ेगा।