दोनों देशों के बीच सात समझौतों पर हस्ताक्षर हुए हैं। गंगा की सफाई करने को लेकर भी समझौता हुआ है। इजरायल की पानी को साफ करने की तकनीक काफी एडवांस मानी जाती है।
ऐतिहासिक पेरिस जलवायु समझौते से अमेरिका अलग हो गया है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि विकसित देशों से अरबों डॉलर पाने के लिए भारत पेरिस जलवायु समझौते में शामिल हुआ है।
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने पेरिस समझौते को एकतरफा बताते हुए भारत पर सीधे तौर पर निशाना साधा है। ट्रंप ने कहा कि पेरिस समझौते के तहत भारत कोई योगदान नहीं कर रहा है। भारत के साथ ही ट्रंप ने रूस और चीन पर भी हमला बोला है।
मुंबई के सीमा शुल्क विभाग के अधिकारियों ने आज दो अलग-अलग मामलों में करीब 69 लाख रुपये जब्त किये, जिसमें से 25 लाख रुपये 2,000 रूपये के नये नोटों में पाये गये। सीमा शुल्क विभाग की एयर इंटेलिजेंस इकाई ने आज तड़के अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे से ये जब्ती की और इस सिलसिले में चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया।
संयुक्त राष्ट्र महासचिव बान की मून ने जलवायु परिवर्तन से मुकाबले पर पीछे नहीं हटने पर जोर देते हुए दुनिया के नेताओं से अपील की है कि वे पेरिस में हुए ऐतिहासिक समझौते का समर्थन और पालन करें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दिमाग की उपज इंटरनेशनल सोलर अलायंस (इसा) की प्रक्रिया शुरू होने के साथ ही इसके प्रारूप समझौते पर ब्राजील और फ्रांस सहित दुनिया के 20 से अधिक देशों ने हस्ताक्षर कर दिया है।
भारत ने बंगाल की खाड़ी के आसपास के देशों के मंच बिम्सटेक के सदस्य देशों के बीच मुक्त व्यापार समझौते (एफटीए) में देरी पर चिंता जताते हुए सदस्यों से इस पर आम सहमति कायम करने के लिए सक्रियता से प्रयास करने की अपील की है।
सप्रंग सरकार के कार्यकाल में हुआ 20.8 करोड़ डॉलर का एंबरियर जेट समझौता अमेरिकी अधिकारियों की जांच के घेरे में है। अधिकारियों को संदेह है कि अनुबंध हासिल करने के लिए कंपनी की ओर से घूस दी गई थी। यह समझौता साल 2008 में एईडब्ल्यू एंड सी विमानों के लिए किया गया था। आरंभिक चेतावनी तथा नियंत्रण प्रणाली के लिए स्वेदशी रडार से लैस तीन विमानों के लिए ब्राजील के विमान निर्माता एंबरियर और रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन (डीआरडीओ) के बीच हुआ था।
चीनी मिलों के प्रमुख संगठन, भारतीय चीनी मिल संघ (इस्मा) ने शुक्रवार को कहा कि चीनी पर 20 प्रतिशत निर्यात शुल्क लगाने से इसका चीनी का निर्यात वित्तीय दृष्टि से अव्यावहारिक हो गया है लेकिन इससे घरेलू मांग पूरा करने के लिए देश में इसका स्टॉक समुचित स्तर पर बनाये रखने में मदद मिलेगी।