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बिसाहड़ा छोड़ एयरफोर्स कॉलोनी गया अखलाक का परिवार

बिसाहड़ा छोड़ एयरफोर्स कॉलोनी गया अखलाक का परिवार

नेताओं की आवाजाही और इलाके में व्याप्त तनाव के बीच दादरी के बिसाहड़ा में गोमांस की अफवाह पर मारे गए अखलाक के परिवार ने अपना गांव छोड़ दिया है। परिवार अब दिल्‍ली में एयरफोर्स की एक रिहायशी कॉलोनी में रहेगा।
अखलाक के परिवार को वायुसेना क्षेत्र में बसाने पर विचार

अखलाक के परिवार को वायुसेना क्षेत्र में बसाने पर विचार

दादरी में वायुसेना कर्मी के पिता अखलाक की हत्या पर वायुसेना प्रमुख ने गहरा दुख जताया और परिवार को देश के किसी वायुसेना क्षेत्र में बसाने की बात कही।
फरहान का दिल भी आया टीवी पर

फरहान का दिल भी आया टीवी पर

दिल चाहता है फिल्म के निर्देशक और संगीतमय रॉक ऑन और मिल्खा सिंह पर बनी फिल्म के जरिये फरहान अख्तर फिल्म की दुनिया का जाना पहचाना चेहरा बन चुके हैं। अब से हटकर उनकी इच्छा एक काल्पनिक टीवी शो बनाने की है।
फिर छोटे परदे पर बिग बी

फिर छोटे परदे पर बिग बी

बॉलीवुड के महानायक अमिताभ बच्चन आने वाले टीवी शो आज की रात है जिंदगी से छोटे पर्दे पर हलचल मचाने को तैयार हैं।
कहानी: हिंदी पखवाड़े में लोकभाषा हितैषी

कहानी: हिंदी पखवाड़े में लोकभाषा हितैषी

साहिर लुधियानवी के हिन्दी गीत के संकलन का संपादन। साहिर लुधियानवी : मेरे गीत तुम्हारे हैं नाम से एक और पुस्तक प्रकाशनाधीन। सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में कहानियां और गजलें प्रकाशित। साहित्य से इतर पर्यावरण पर भी लेखन। पिछले चार वर्षों से साहिर लुधियानवी के गीतों का डॉक्युमेंटेशन और ब्लॉग लेखन। गढ़वाली भाषा और संस्कृति पर सक्रिय संस्था ‘धाद’ से संबद्ध।
इस्मत चुगताई की कहानी 'लिहाफ'

इस्मत चुगताई की कहानी 'लिहाफ'

उर्दू की प्रसिद्ध लेखिका इस्मत चुगताई का जन्म 15 अगस्त 1915 को बदायूं, उत्तर प्रदेश में हुआ था। वह इस्मत आपा के नाम से मशहूर हुईं। उनके लेखन के साथ कई विवाद भी जुड़े रहे। वह बहुत विद्रोही लेखिका थीं और उन्होंने महिलाओं के बारे में खूब लिखा और उनके हक में सवाल उठाए। उनकी कहानियों में लड़कियों की मनोदशा और सच्चाई खूब अच्छी तरह से बयान हुए। उनकी कहानी लिहाफ के लिए लाहौर हाईकोर्ट में उन पर अश्लीलता का मुकदमा चलाया था, जो बाद में खारिज हो गया। 24 अक्टूबर 1991 को उनका निधन हुआ। सन 2015 में हम उनकी जन्मशताब्दी मना रहे हैं। उनकी मशहूर कहानी लिहाफ पाठकों के लिए।
प्रतिरोध: देश भर में 'मुजफ्फरनगर बाकी है' का प्रदर्शन

प्रतिरोध: देश भर में 'मुजफ्फरनगर बाकी है' का प्रदर्शन

2013 में हुए मुजफ्फरनगर दंगे पर बनी डॉक्यूमेंट्री फिल्म मुजफ्फरनगर बाकी है काफी चर्चा में रही है। यह फिल्म दंगे के दौरान के हालात और वहां के स्थानीय लोगों की भावनाओं का बखूबी इजहार करती है। फिल्म के जरिये उन तत्वों की तरफ इशारा किया गया है जो मुजफ्फरनगर के हालात के जिम्मेदार हैं। यही वजह है कि इस फिल्म का प्रदर्शन कई संगठनों के गले नहीं उतर रहा है। कई बार फिल्म के प्रदर्शन को बलपूर्वक रोकने की कोशिश की गई। ऐसे ही दमनकारी आक्रमणों के प्रतिरोध में फिल्म की टीम और अन्य कई संगठनों ने मिलकर एक ही दिन पूरे देश में फिल्म का प्रदर्शन किया।
‘निवेश पंजाब’ में भागीदारी का बुलावा

‘निवेश पंजाब’ में भागीदारी का बुलावा

पंजाब के उप मुख्यमंत्री सुखबीर सिंह बादल ने ‘निवेश पंजाब’ में सक्रिय भागीदारी के लिए विदेशी निवेशकों को आमंत्रित किया है। उन्होंने घोषणा की है कि पिछले एक साल में राज्य सरकार ने 15 हजार करोड़ रुपये की 163 परियोजनाओं को अनुमति दी है।
प्लेटफार्म नंबर सात

प्लेटफार्म नंबर सात

यह मौसम पतंगबाजी का नहीं है और गिरानी में नाच नाम से दो कविता संग्रह। सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में कविताएं प्रकाशित।
बादल की बस ने एक और कुचला, मामला दर्ज करने को लेकर ग्रामीणों का धरना

बादल की बस ने एक और कुचला, मामला दर्ज करने को लेकर ग्रामीणों का धरना

पंजाब के जिला रोपड़ के गांव बेहरामपुर जिमीदारा और आस पास के गांव के लोगों ने एक स्कूटर सवार व्यक्ति की कथित रूप से एक बस की चपेट में आने से हुई मौत के मामले में सत्तारूढ़ दल बादल परिवार और बस मालिक के खिलाफ धरना दिया।
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