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अच्छी टीम के बगैर, मोदी क्या कर पाएंगे: शरद पवार

अच्छी टीम के बगैर, मोदी क्या कर पाएंगे: शरद पवार

राजनीतिज्ञ, किसान, क्रिकेट प्रशासक और लंबे समय तक प्रधानमंत्री पद के दावेदार रहे शरद पवार ने अपनी आत्मकथा, ऑन माई टर्म्स: फ्रॉम द ग्रासरूट्स टू द कॉरीडोर्स ऑफ पावर(प्रकाशक: स्पिकिंग टाइगर) को जारी करते हुए अपना 75वां जन्मदिन मनाया। अपनी बीमारी के बावजूद कभी पूराने कांग्रेसी रहे राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के इस मुखिया की जिंदादिली और फुरतीलापन बरकरार है और वह सन्यास लेने का कोई संकेत नहीं देते हैं। दिल्ली में उन्होंने बुला देवी से बातचीत की।
पद्म विभूषण मिलना भावुक क्षण : दिलीप कुमार

पद्म विभूषण मिलना भावुक क्षण : दिलीप कुमार

मशहूर अभिनेता दिलीप कुमार ने पद्म विभूषण सम्मान मिलने पर अपनी भावनाएं जाहिर करते हुए कहा कि यह मेरे लिए भावुक क्षण था। पद्म विभूषण देश का दूसरा सर्वोच्च नागरिक सम्मान है।
क्या हैं आप- पप्पू या फेंकू

क्या हैं आप- पप्पू या फेंकू

हर व्यक्ति का पीठ के पीछे एक नाम होता है। चेपू, चाटू, सर्किट, भयंकर। आपका भी जरूर होगा। पर आजकल तो बस दो ही विशेष नाम फैशन में हैं। जरा इन सवालों और उनके जवाबों पर नजर डालिए और पता कीजिए क्या हैं आप।
क्या सौर ऊर्जा से हल हो पाएगा भारत का ऊर्जा संकट?

क्या सौर ऊर्जा से हल हो पाएगा भारत का ऊर्जा संकट?

पेरिस में आयोजित जलवायु सम्मेलन से इतर भारत ने एक बहुचर्चित ‘सौर गठबंधन' की घोषणा कर दी। ऊर्जा की जरुरतों को पूरा करने के लिए सौर ऊर्जा उप्लब्ध करवाने की दिशा में काम करने का यह बडा न्यौता उन 121 देशों के लिए है, जहां सूर्य का प्रकाश पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध रहता है। इस परियोजना में सरकार की योजना शुरुआती पूंजी के रुप में 400 करोड रुपए डालने की है।
क्या वाकई थम गई पुरस्कार वापसी मुहिम?

क्या वाकई थम गई पुरस्कार वापसी मुहिम?

बिहार चुनाव के नतीजे आने का बाद सोशल मीडिया पर इन दिनों एक कविता काफी प्रसारित हो रही है। इस कविता में कहा जा रहा है कि अब कहीं से भी गोमांस, सम्मान वापसी, अरहर दाल की बढ़ती कीमतों को लेकर कोई बयान नहीं आ रहा है। यह सवाल खड़ा होता है कि क्या ऐसा सहिष्णुता की वजह से है या ऐसा बिहार का चुनाव खत्म हो जाने की वजह से है। स्पष्ट तौर पर यह आरोप लगता रहा है कि लेखकों, कलाकारों और वैज्ञानिकों द्वारा जो पुरस्कार लौटाए जा रहे थे वह बिहार चुनावों को प्रभावित करने की एक पूर्वनियोजित साजिश थी। इस संबंध में आरएसएस का मानना है कि पुरस्कार वापसी की मुहीम राजनीतिक ताकतों के हित में बहुत सलीके से संयोजित की गई थी। केंद्रीय मंत्री जनरल वी के सिंह ने तो यहां तक कहने में भी गुरेज नहीं किया कि पुरस्कार वापसी के इस मुहिम में बहुत ज्यादा पैसा सम्मिलित था। जो कुछ भी हुआ, यह उसकी पूरी तरह से एक प्रायोजित और विकृत व्याख्या है।
क्या रहस्‍यमय एक्स-फैक्टर है गंगाजल की खासियत?

क्या रहस्‍यमय एक्स-फैक्टर है गंगाजल की खासियत?

क्या गंगाजल को खास बनाने के पीछे इसमें मौजूद किसी विशेष एक्स फैक्टर का योगदान है? गंगा निश्चित तौर पर भारत की सबसे पवित्रतम नदियों में से एक है और अनंतकाल से इसके जल को इसके जादुई गुणों के लिए जाना जाता है। इसी खूबी के चलते यदि गंगाजल वर्षों तक रखा जाए, तो भी यह खराब नहीं होता। इसे इस नदी का आत्म-शोधन का गुण कहा जाता है। भारतीय वैज्ञानिक इसी रहस्‍य से पर्दा उठाने की कोशिश में जुटे हैं।
‘अब क्या’ सोचने का वक्त

‘अब क्या’ सोचने का वक्त

श्री अचलेश्वर महादेव मंदिर फाउंडेशन के संवाद श्रृंखला 2 में समसामयिक घटना पुरस्कार वापसी और उसके विरोध पर ‘अब क्या’ विषय पर संवाद का आयोजन किया गया। पुरस्कार वापसी का समर्थन और विरोध कर रहे दोनों ही पक्षों ने अपनी-अपनी बात रखी।
मार्च फॉर इंडिया: इस विरोध के मायने क्या हैं

मार्च फॉर इंडिया: इस विरोध के मायने क्या हैं

इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन तक एक हुजूम नारे लगाता चल रहा है। इसे सोशल मीडिया ने कलबुर्गी-पानसरे की हत्या के पक्ष में भी देखा। लेकिन वहां ‘राष्ट्रवादियों’ ‘संघियों’ और ‘भक्तों’ के अलावा भी कई लोग भारत के लिए आए थे।
एम.एल. फोतेदार की पुस्तक  ‘द चिनार लीव्स’ में क्या‍ है खास

एम.एल. फोतेदार की पुस्तक ‘द चिनार लीव्स’ में क्या‍ है खास

माखनलाल फोतेदार की पुस्तक 'द चिनार लीव्स’ में नेहरु-गांधी परिवार के बारे में कई खुलासे किए है। इस खुलासे के बाद कांग्रेस असहज महसूस कर रही है। पुस्तक ऐसे समय में आई है जब कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को कमान सौंपने की तैयारी चल रही है। पुस्तक में जो खास बाते हैं प्रस्तुत है उसका प्रमुख अंश:
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