खेल और खिलाड़ियों की दशा पर अक्सर लोग बात करते दिखाई देते हैं। खेल की हालत में सुधार और प्रोत्साहन देने जैसी शासकीय घोषणाएं भी समय-समय पर की जाती हैं। खेलों में न्यूनतम सुविधाएं मिलने अथवा नहीं मिलने की परिचर्चा भी आम है, लेकिन बात खिलाड़ियों की जान पर आ जाए तो आप इसे क्या कहेंगे?
छत्तीसगढ़ी मातृभाषा की लड़ाई अब देश की राजधानी दिल्ली तक पहुंच गई है। छत्तीसगढ़िया महिला क्रांति सेना और छत्तीसगढ़ी राजभाषा मंच के सयुंक्त तत्वावधान में बुधवार को बड़ी संख्या में लोग सत्याग्रह के लिए एकजुट हुए।