हरियाणा सरकार द्वारा प्रकाशित पत्रिका हरियाणा संवाद के एक सप्लीमेंट कृषि संवाद में एक घूंघट काढ़े एक स्त्री का फोटो छपा है। इस फोटो के नीचे कैप्शन है, ‘घूंघट की आन-बान, म्हारा हरियाणा की पहचान।’ इस मसले ने तूल पकड़ लिया है। विपक्ष का कहना है कि इससे भारतीय जनता पार्टी की पिछड़ी सोच का पता चलता है।
अमेरिका यात्रा से ठीक पहले अंतरराष्ट्रीय पत्रिका दी इकॉनोमिस्ट ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बारे में लिखा है, “भारतीय प्रधानमंत्री जितने बड़े सुधारवादी दिखते हैं उतने हैं नहीं।”
क्या आपको पता है कि आठ सालों के भीतर पेट्रोल और डीजल से चलने वाली कारें गायब हो जाएंगी? यह बात सुनने में जरूर अटपटी लग रही हों लेकिन स्टैनफोर्ड के अर्थशास्त्री टोनी सेबा का मानना है कि ऐसा नजारा जल्द ही देखने को मिल सकता है।
नोटबंदी के फैसले पर अब पीएम नरेंद्र मोदी की आलोचना खुलकर सामने आ रही है। पहले इस पर मिलीजुली और सधी प्रतिक्रियाएं देखने को मिलती थी। प्रख्यात अमेरिकी अर्थशास्त्री स्टीव एच हांक ने उच्च राशि की मुद्रा के चलन से बाहर करने के फैसले की आलोचना की है।
अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को प्रतिष्ठित टाइम मैगजीन ने 2016 का 'टाइम्स पर्सन ऑफ द इयर' चुना है। इस खिताब के लिए उनका मुकाबला पीएम नरेंद्र मोदी सहित कई राष्ट्रध्यक्षों और राजनेताओं और कलाकारों के साथ था। पाठकों ने 'टाइम्स पर्सन ऑफ द इयर' के लिए हालांकि पीएम नरेंद्र मोदी को चुना था। पीएम मोदी पाठकों की नजर में 18 फीसदी वोट के साथ पहले नंबर पर थे। वहीं ट्रंप और विकीलीक्स के संस्थापक जूलियन असांज को 7 फीसदी वोट मिले थे।
अमेरिका में हिलेरी क्लिंटन को मात देकर राष्ट्रपति निर्वाचित होने वाले डोनाल्ड ट्रंप को टाइम पत्रिका ने पर्सन ऑफ द ईयर-2016 चुना और उनको डिवाइडेट स्टेट्स ऑफ अमेरिका (विभाजित राज्य अमेरिका) का राष्ट्रपति करार दिया।
नोबल पुरस्कार विजेता अमर्त्य सेन ने मोदी सरकार के नोटबंदी के कदम को तानाशाही वाली कार्रवाई करार दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार का यह कदम भरोसे पर टिकी अर्थव्यवस्था की जड़ें खोखली करेगा।