मालदीव की सरकार ने आज देश में आपातकाल घोषित कर दिया। इससे सुरक्षा बलों को काफी शक्तियां हासिल हो गई हैं। देश की राजधानी के साथ ही एक रिसॉर्ट पर हथियार और विस्फोटक मिलने के बाद आपातकाल की घोषणा की गई।
देश में आपातकाल की घोषणा कर पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने जितनी आलोचनाएं राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ और उसके राजनीतिक दल की झेलीं, उतनी आलोचना शायद ही किसी और राजनीतिक दल ने की हो। लेकिन अब खुफिया ब्यूरो के पूर्व प्रमुख टीवी राजेश्वर की मानें तो संघ ने भी आपातकाल का समर्थन किया था और उस वक्त के संघ प्रमुख बालासाहेब देवरस ने इंदिरा गांधी से संपर्क साधने की भी कोशिश की थी।
बम की धमकी के बाद मंगलवार को बैंकॉक से इस्तांबुल जा रहे तुर्की एयरलाइंस के विमान की दिल्ली के इंदिरा गांधी अंतररराष्ट्रीय हवाई अड्डे पर आपात लैंडिंग कराई गई। सूत्रों ने बताया कि एयरबस 330 विमान दोपहर में करीब 1.41 बजे सुरक्षित उतरा।
प्रख्यात समाजवादी चिंतक, संपादक और कवि कमलेश का शनिवार सुबह दिल्ली में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया है। वह 78 वर्ष के थे और कुछ समय से बीमार चल रहे थे।
वर्ष 1975 की 25 जून को इंदिरा गांधी सरकार ने आंतरिक आपातकाल की घोषणा की और भारतीय राजनीति के इस काले अध्याय से जुड़ी घटनाओं को तब अंग्रेजी अखबार इंडियन एक्सप्रेस की एमसीडी बीट कवर करने वाली पत्रकार कूमी कपूर ने किताब की शक्ल दी है। यहां हम इस पुस्तक के कुछ अंशों को पाठकों के सामने ला रहे हैं जिनमें आपातकाल से ठीक पहले की घटनाओं का जिक्र है।
40 साल पहले आपातकाल के रूप में हुई लोकतंत्र की हत्या के लिए अक्सर तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी और उनके पुत्र संजय गांधी के नाम ही सामने आते हैं। लेकिन इन दोनों के अलावा भी कई अहम किरदार आपातकाल में अहम भूमिका निभा रहे थे।
भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी ने यह कहकर राजनीतिक तूफान खड़ा कर दिया है कि देश में लोकतंत्र को कुचलने में सक्षम ताकतें मजबूत हुई हैं और दोबारा इमर्जेंसी की आशंका से इंकार नहीं किया जा सकता।
बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी की आपातकाल संबंधी टिप्पणी का समर्थन करते हुए कहा कि बिहार एेसी स्थिति का हर दिन सामना कर रहा है।