बोको हराम समूह ने नाइजीरिया के पूर्वोत्तर इलाके में हुए दो अलग-अलग हमलों में 22 लड़कियों एवं महिलाओं को अगवा कर लिया। पहली घटना पुलिका गांव में जबकि दूसरी घटना दुम्बा गांव में हुई।
दिल्ली विश्वविद्यालय के लड़कियों के दो छात्रावासों ने होली पर उनके बाहर निकलने पर प्रतिबंध लगा दिया है जिसे लेकर छात्राओं ने तीखी प्रतिक्रिया दी है और इस कदम को मनमाना करार दिया है।
साहित्य उत्सव या लिट फेस्ट अब स्कूल तक पहुंच गए हैं। अब तक इस तरह के उत्सव किसी शहर में बड़े साहित्यकारों के बीच ही होते थे। यह पहली बार है कि किसी स्कूल ने अपने यहां साहित्योत्सव आयोजित किया है।
हाजी अली दरगाह ट्रस्ट ने आज उच्चतम न्यायालय को बताया है कि पुरूषों की ही तरह महिलाओं को भी मुंबई स्थित हाजी अली दरगाह के मुख्य स्थान पर प्रवेश दिया जाएगा। इसके साथ ही ट्रस्ट ने जरूरी अवसंरचनात्मक बदलाव करने के लिए चार सप्ताह का समय मांगा है।
छत्तीसगढ़ के भाजपा शासन में मंत्री के बेटे ने नाच गाने का आयोजन किया। जिसमें मंत्री के बेटे ने नाच गान करने वाली लड़कियों के साथ खूब ठुमके लगाए और नोट बरसाए। क्षेत्र के थानेदार भी इस समारोह में शामिल हुए। उन्होंने भी नोट बरसाए और ठुमके लगाए। बाद मेंं मामलेे को तूल पकड़ता देख आनन-फानन में थानेदार को लाइन अटैच कर दिया गया। लेकिन मंत्री के बेटे पर किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई।
उड़ी हमले की पृष्ठभूमि में भारत-पाकिस्तान के बीच बढ़ते तनाव के बीच पड़ोसी देश की 19 लड़कियां मंगलवार की रात चंडीगढ़ पहुंचीं। इन लड़कियों का मानना है कि जंग का यह अफसाना सिर्फ हमारी सरकारों और मीडिया तक सीमित है जबकि सरहद के दोनों तरफ की आवाम को अमन चाहिए।
मुंबई की हाजी अली दरगाह में अब महिलाओं को भी प्रवेश मिल सकेगा। बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपने एक ऐतिहासिक फैसलेे में दरगाह ट्रस्ट की ओर से दरगाह के भीतरी गर्भगृह में महिलाओं के प्रवेश पर पाबंदी को अनावश्यक माना और उस पर लगा प्रतिबंध हटा दिया। इस ऐतिहासिक फैसले के बाद अब महिलाएं दरगाह में चादर चढ़ा सकेंगी।
मध्यप्रदेश में भोपाल के मौलाना आजाद नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ टेक्नॉलाजी में छात्राओं ने शुक्रवार को ड्रेस कोड और हॉस्टल की टााइमिंग को लेकर कॉलेज प्रशासन के खिलाफ हल्ला बोल प्रदर्शन किया। छात्राओं को उनके लिए बनाए गए ड्रेस कोड और हॉस्टल की टाइमिंग से दिक्कत हो रही है।
छत्तीसगढ़ में बालोद जिले के गांवों में लोगों ने स्थानीय प्रशासन की अनूठी मुहिम के तहत अपने घरों के बाहर अपनी बेटियों की नेमप्लेट लगाई है, ताकि लड़कियों की शिक्षा एवं समाज में उनकी पहचान को सशक्त बनाया जा सके।