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भारतीय पौराणिक कथाएं

भारतीय पौराणिक कथाएं

डॉक्टर देवदत्त पट्टनायक भारतीय पुराणों, उपनिषदों पर लगातार काम करते रहे हैं। जल्द ही उनकी दो नई पुस्तकें इसी विधा पर आने वाली हैं। अपनी पुस्तक में वह उन कथाओं को समेटते हैं, जो अब लोगों के मस्तिष्क से मिट गई हैं। मिथक और पौराणिक कहानियों के बीच वह संतुलन बनाते हुए कालातीत हुए किस्से लिखना उनकी खूबी है। उनकी पुस्तक भारतीय पौराणिक कथाएं के अध्याय 3 – पुराकथा-निर्माण : पुराकथाओं का रूपान्तरण के अंश।
समाज का चितेरा

समाज का चितेरा

सामाजिक ताना-बाना समझना किसी के लिए भी आसान नहीं है। इस जटिलता को भी असगर वजाहत ने बहुत अच्छी तरह न सिर्फ समझा बल्कि उसे बयान करने का शिल्प भी कमाल का है। यह शब्द जाने-माने साहित्यकार सर्वेश्वर दयाल सक्सेना के हैं, जो उन्होंने असगर वजाहत की कहानियों को पढ़ने के बाद कहे थे।
हो गया प्यार का पंचनामा

हो गया प्यार का पंचनामा

नए जमाने की कहानियां अब इतने नए जमाने की हो गई हैं कि यह फिल्में सिर्फ एक खास पीढ़ी को ही अच्छी लग सकती हैं। प्यार का पंचनामा का पहला भाग भी ठीक ठाक चल गया था तो इसका सीक्वेल भी अच्छा चल जाने की पूरी उम्मीद है। पूरे देश के विश्वविद्यालय के छात्र भी अगर इस फिल्म को देख लेंगे तो निर्माता के पूरे पैसे वसूल हो जाएंगे।
किसने बनाया ऋषि को चिंटू

किसने बनाया ऋषि को चिंटू

चिंटू उपनाम से मशहूर ऋषि कपूर का नाम चिंटू कैसे पड़ा इसके पीछे एक दिलचस्प दास्तां है। लेकिन उन्हीं की जुबानी सुनने के लिए उनके प्रशंसकों को टेलीविजन का एक शो देखना होगा।
शाहिद को मिली खुली छूट

शाहिद को मिली खुली छूट

शाहिद कपूर की शादी को तीन महीने बीत गए हैं। मीरा के साथ उनकी जिंदगी ठीक ठाक चल रही है इसके बहुत सारे सुबूत समय-समय पर मिलते रहते हैं।
आते ही छा गया प्रेम

आते ही छा गया प्रेम

सलमान खान यदि छींक भी दें तो उनके प्रशंसक उस खबर को जानना चाहते हैं। फिर यहां तो बात उनकी आने वाली नई फिल्म की है। दीवाली के मौके पर उनकी नई फिल्म प्रेम रतन धन पायो आने वाली है और हंगामा है कि अभी से बरप रहा है।
रणबीर के बुरे दौर से परेशान कटरीना

रणबीर के बुरे दौर से परेशान कटरीना

अभिनेता रणबीर कपूर की हालिया फिल्में भले ही बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन नहीं कर पाई हों लेकिन बॉलीवुड अभिनेत्री और उनकी कथित प्रेमिका कटरीना कैफ का कहना है, समर्पित, जोशीले और केंद्रित अभिनेता निश्चित रूप से अच्छी वापसी करेंगे।
ऑल इज वेल में वेल खोजिए

ऑल इज वेल में वेल खोजिए

भारत एक गरीब देश है जैसे निबंध रटने वाले बच्चों को अब यह बताना होगा कि भारत गरीब नहीं रह गया है। कारण? बॉलीवुड पर नजर डाल लें तो पता चलेगा कि भारत में इतना अनाप-शनाप पैसा हो गया है कि ‘ऑल इज वेल’ जैसी फिल्म बनाई जा सकती है।
अमिताभ-जया ‘की एंड का’ में

अमिताभ-जया ‘की एंड का’ में

प्रसिद्ध निर्देशक आर. बाल्की का फिल्म बनाने का अलग ढंग है। उसी तरह है उनका फिल्मों को अलग तरह के नाम देना। इस बार बाल्की अमिताभ और जया बच्चन को लेकर एक फिल्म बना रहे हैं। नाम रखा है, की एंड का। अब इस नाम के मायने तो फिल्म देख कर ही समझ में आएंगे।
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