मुश्किल लक्ष्य का पीछा करके जीत दर्ज करने वाली आत्मविश्वास से भरपूर भारतीय टीम इंग्लैंड के खिलाफ कल दूसरे एक दिवसीय क्रिकेट मैच के जरिये श्रृंखला अपने नाम करने की कोशिश में होगी।
भारतीय टीम पुणे में पहले एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट मैच में तीन विकेट की शानदार जीत के बाद भले ही आत्मविश्वास से भरी हो लेकिन यहां 19 जनवरी को इंग्लैंड के खिलाफ होने वाले दूसरे वनडे के लिए निश्चित तौर पर ओस से होने वाली संभावित परेशानी खिलाड़ियों के दिमाग में होगी।
भारतीय क्रिकेट टीम के लिये पिछले दस सालों में अगर कोई मैदान सबसे भाग्यशाली रहा है तो वह कटक का बाराबती स्टेडियम है जहां विराट कोहली की अगुवाई वाली टीम को इंग्लैंड के खिलाफ 19 जनवरी को दूसरा एकदिवसीय अंतरराष्ट्रीय मैच खेलना है।
इंग्लैंड के कप्तान इयोन मोर्गन ने आज कहा कि उनकी टीम ने पहले वनडे में भारत को दबाव की स्थिति से निकलने का मौका दे दिया लेकिन कहा कि युवा केदार जाधव की बेहतरीन पारी से उनकी योजनाओं पर पानी फेर दिया।
महेंद्र सिंह धोनी जब अंतिम बार भारतीय टीम की अगुआई के लिए उतरे तो एक अतिउत्साही प्रशंसक मैदान में घुस आया और उसने उनके पैर हुए जबकि इस दिग्गज विकेटकीपर बल्लेबाज ने बेहतरीन पारी खेली।
पूर्व भारतीय कप्तान मोहम्मद अजहरूद्दीन ने आज हैदराबाद क्रिकेट संघ (एचसीए) के अध्यक्ष पद के लिए नामांकन दायर किया। इससे पहले अरशद अयूब ने लोढा समिति के सुधारवादी कदमों पर उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद अध्यक्ष पद छोड़ दिया था।
भारत की राष्ट्रीय क्रिकेट टीम के कप्तान के रूप में सफर खत्म होने के बाद महेंद्र सिंह धोनी के नाम के आगे कल यहां अंतिम बार कप्तान लिखा होगा जब वह इंग्लैंड के खिलाफ पहले अभ्यास मैच में भारत ए की अगुआई करेंगे।
भारत के पूर्व कप्तान और ए टीम के मौजूदा कोच राहुल द्रविड़ का मानना है कि यदि महेंद्र सिंह धोनी 2019 विश्व कप की टीम में खुद को नहीं देखते तो कप्तानी छोड़ने की उनकी टाइमिंग सही थी। द्रविड़ ने कहा , धोनी का फैसला ज्यादा हैरानी भरा नहीं है।
राष्ट्रीय चयन समिति के प्रमुख एमएसके प्रसाद ने महेंद्र सिंह धोनी के सीमित ओवरों की कप्तानी छोड़ने के फैसले को सही समय पर लिया गया फैसला करार देते हुए संकेत दिया कि विराट कोहली को कमान सौंपी जायेगी।उन्होंने यह भी संकेत दिया कि धोनी 15 जनवरी से इंग्लैंड के खिलाफ शुरू हो रही वनडे श्रृंखला के लिये टीम में रहेंगे और उनके भीतर अभी क्रिकेट बाकी है।
महेंद्र सिंह धोनी ने कप्तानी के अपने कार्यकाल के दौरान अपनी आत्मा की आवाज पर सही समय पर सही निर्णय करने की क्षमता का अद्भुत उदाहरण पेश किया और एक बार फिर से उन्होंने अपने भारत के सीमित ओवरों के कप्तान पद से हटने का फैसला करके अपने इस कौशल को दिखाकर हर किसी को स्टंप आउट करने में कोई कसर नहीं छोड़ी।