कांग्रेस ने नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने के लिए केंद्र सरकार द्वारा 23 जनवरी का दिन तय किए जाने की आलोचना करते हुए सरकार से मांग की है कि फाइलों को तत्काल सार्वजनिक किया जाए।
ए आर रहमान के लिए आज दोहरी खुशी का दिन है। एक तरफ उन्हें हृदयनाथ मंगेशकर पुरस्कार मिलने की घोषणा हुई है तो दूसरी ओर ब्राजील के कालजयी फुटबॉल खिलाड़ी पेले अपने कोलकाता प्रवास के दौरान उनसे मिलेंगे।
गृह मंत्रालय द्वारा विधि आयोग की मृत्युदंड खत्म करने की सिफारिश को यह कहते हुए खारिज किए जाने की संभावना है कि आतंकवाद के खतरे को देखते हुए संविधान से इसे पूरी तरह खत्म करने का अभी वक्त नहीं आया है।
केंद्रीय मंत्री एम. वेंकैया नायडू ने आज यहां कहा कि केंद्र अन्य देशों के साथ भारत के संबंधों पर पड़ने वाले असर का अध्ययन करने के बाद ही नेताजी सुभाष चंद्र बोस से जुड़ी फाइलों को सार्वजनिक करने पर कोई निर्णय करेगा।
सीबीआई की विशेष अदालत ने महाराष्ट्र के बांडेर कोयला ब्लाॅक आबंटन में हुई कथित अनियमितताओं संबंधी मामले में पूर्व कोयला सचिव एच सी गुप्ता और सेवानिवृत्त लोक सेवक एल एस जनोटी की जमानत को मंजूर कर लिया है। इस मामले में निजी पेशी से छूट संबंधी पूर्व कोयला राज्य मंत्री संतोष बगरोडिया की याचिका भी मंजूर कर ली।
नीतिगत ब्याज दर तय करने के मामले में रिजर्व बैंक के गवर्नर के अधिकार में कटौती के प्रस्ताव वाले विधेयक के मसौदे पर सरकार पीछे हट गई है और उसने मंगलवार को कहा कि यह निष्कर्ष निकालना ठीक नहीं है कि वह केंद्रीय बैंक के गवर्नर के अधिकाराें में कमी करना चाहती है।
‘निर्वासन मर्जी से हो या जबरदस्ती, देश से आप खुद निकलें या निकाले गए हों, इसका दर्द और विसंगत स्थितियों से उत्पन्न दुविधा उसके प्रभाव को एकपक्षीय नहीं रहने देती। किसी अनजान मुल्क की तमीज-तहजीब सीखने और उसकी संस्कृति में रचने-बसने की कोशिश, खासी त्रासदायी होती है। विडंबना और विसंगतियों से भरी।’
पूर्व कोयल सचिव एचसी गुप्ता तथा दो अन्य लोगों को सीबीआई की विशेष अदालत ने कोयला घोटाले में आरोपी के रूप में समन किया है। अदालत ने प्रथम दृष्टया पाया है कि पूर्व नौकरशाह ने मध्य प्रदेश के एक कोयला ब्लॉक को पुष्प स्टील एंड माइनिंग प्राइवेट लिमिटेड को आवंटन में मदद पहुंचाई जिसके कारण सरकार के खजाने को नुकसान पहुंचा।
ज्यादातर भारतीय फिल्म निर्देशक ‘पोस्ट इंटरवेल ब्लू’ यानी मध्यांतर के बाद फिल्म को झुला देने की आदत से पीड़ित रहते हैं। तो कुछ हद तक गुड्डू रंगीला के निर्देशक सुभाष कपूर भी इससे बच नहीं पाए हैं। लेकिन यदि खाप पंचायत के सामने लड़कियों की स्थिति पर एक शानदार तकरीर वाले दृश्य पर विचार किया जाए, आखिरी दृश्य में शोले स्टाइल की लड़ाई और इस तरह के दृश्यों को देखें तो लगता है कि भारतीय दर्शकों के लिए भी यह सब जरूरी है। आखिर बुरा आदमी लहूलुहान हो कर पिटे ही न, उससे परेशान दो लड़कियां हीरो स्टाइल में उसे गोली न मारे तो क्या मजा। आखिर यह मजा ही दर्शकों को सिनेमाघर में खींचता है।