दिल्ली के गाजीपुर इलाके में शुक्रवार को कूड़े के पहाड़ का हिस्सा टूटकर गिरने से मरने वालों की संख्या बढ़कर 3 हो गई है। हादसे के अगले दिन शनिवार को भी यहां राहत-बचाव कार्य जारी हैं।
छत्तीसगढ़ के महासमुंद जिले में कलेक्टोरेट परिसर में पूर्व उपप्रधानमंत्री लालकृष्ण आडवाणी की आत्मकथा 'मेरा देश मेरा जीवन' रद्दी में पड़ी है। वह भी एक-दो नहीं, बल्कि 500 किताबें। इन्हें विभाग ने ही अनुपयोगी और रद्दी बताकर फेंक दिया है। पंचायत एवं समाज कल्याण विभाग के अफसरों का तर्क है कि जिन किताबों की समाज को जरूरत है, उन्हें मंगा कर थक गए हैं। ऐसी किताबों को बांटने के लिए अफसर दबाव दे रहे हैं, जिन्हें दीमक भी नहीं खा रहे।
किराये के अलावा अन्य स्रोतों से आय अर्जित करने की योजना पर काम कर रही भारतीय रेल पूरे देश में स्टेशनों पर पैदा होने वाले कचरे को बेचने के प्रस्ताव पर काम कर रही है।
बहुत पहले अमेरिकी पत्रिका ने भारत के विकास की खिल्ली उड़ाते हुए बैलगाड़ी में अंतरिक्ष विमान ले जाने वाला एक फोटो छापा था। इसी तरह यूरोप में मुझसे लोग पूछते थे, ‘भारत के लोगों ने कभी रेलगाड़ी या हवाई जहाज देखा है? क्या अधिकांश आबादी छाल-पत्ते लपेटकर रहती है?’ अब ऐसे मजाक का कोई नहीं कर सकता है। अब संपन्न देशों के लोग भारत की प्रगति से चकित हैं और उनका धंधा और सिलीकॉन वैली भारतीयों पर निर्भर रहने लगी है।
क्या हो यदि सार्वजनिक स्थान पर कचरे को निर्धारित जगह यानी डस्टबिन में डाला जाने लगे। कितना अहमकाना सवाल है। जाहिर है सभी जगह साफ-सफाई रहने लगेगी। लेकिन ऐसा कम ही लोग करते हैं। लेकिन यदि सार्वजनिक स्थानों पर डस्टबिन में कचरा फेंकने के एवज में मुफ्त वाईफाई की सुविधा मिलने लगे तो सोच कर देखिए माहौल कैसा हो जाएगा।