वित्त अधिनियम-2017 के तहत एक जुलाई से देश में आय कर रिटर्न भरने के लिए आधार कार्ड अनिवार्य हो जाएगा। इसके अलावा पैन कार्ड बनवाने के लिए भी एक जुलाई से आधार अनिवार्य हो जाएगा।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आय खुलासा योजना के तहत कालेधन की घोषणा करने वाले उन लोगों को किसी प्रकार की राहत देने से इनकार किया है जिन्होंने व्यक्तिगत समस्याओं या नकदी की कमी के कारण कर और जुर्माने की पहली किस्त निर्धारित समय सीमा में जमा नहीं की है।
आयकर विभाग ने आज कालाधन धारकों को आगाह करते हुए कहा है कि उसके पास उनके द्वारा जमा कराई गई बेहिसाब नकदी के बारे में पूरी सूचना है। विभाग ने कहा कि वह इस कालेधन को पाक साफ होकर निकलने के लिए प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना (पीएमजीकेवाई) का इस्तेमाल करना चाहिए।
आयकर विभाग ने आज ऐसी 29 कंपनियों और लोगों के नाम सार्वजनिक किए हैं जिनके ऊपर 448.02 करोड़ रूपये का कर बकाया है और वह उसका भुगतान नहीं कर रहे हैं। विभाग ने बकाया कर नहीं चुकाने वालों के नाम सार्वजनिक कर उन्हें शर्मिंदा करने की रणनीति के तहत यह कदम उठाया है।
कंपनी कर की दर को घटाकर 25 प्रतिशत करने की घोषणा के दो साल बाद सरकार ने आज कहा कि इस तरह की कोई भी कटौती तभी हो सकती है जब व्यक्तिगत आयकर में अच्छी वृद्धि दर्ज होने लगेगी और ज्यादा से ज्यादा लोग आयकर देने लगेंगे।
आयकर विभाग ने कालाधन रखने वाले लोगों को चेतावनी दी कि उनकी अघोषित संपत्ति उसकी नजर से छिपी हुयी नहीं है और इसके साथ ही विभाग ने उन्हें सलाह दी कि वे अपनी जमा राशि के संबंध में मौजूदा एकमुश्त खुलासा योजना प्रधानमंत्री गरीब कल्याण योजना :पीएमजीकेवाई: का लाभ उठाएं।
भारत की कुल 58 प्रतिशत संपत्ति पर देश के मात्र एक प्रतिशत अमीरों का आधिपत्य है जो देश में बढ़ती आय विषमता की ओर संकेत करता है। यह आंकड़ा वैश्विक 50 प्रतिशत के आंकड़े से अधिक है। यह बात एक नए अध्ययन में सामने आई है।
नोटबंदी के बाद बैंकों में जमा की गई राशि की जांच पड़ताल में सरकार को करीब तीन से चार लाख करोड़ रुपये की आय में कर चोरी का पता चला है। यह राशि नोटबंदी के बाद 500, 1,000 रुपये के पुराने नोट जमा कराने की 50 दिन की अवधि में जमा कराई गई।
आर्थिक विशेषज्ञों का सुझाव है कि नोटबंदी के झटके से अर्थव्यवस्था को उबारने के लिये आगामी बजट में कुछ कदम लीक से हटकर उठाए जाने चाहिए। बाजार में मांग बढ़ाने के उपाय करने के साथ-साथ व्यक्तिगत आयकर छूट की सीमा बढ़ाकर पांच लाख रुपये की जानी चाहिये।