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आेलंपिक : इकोनाेमी क्‍लास में 36 घंटे की उड़ान, पैर भी नहीं फैला पाई दुती चंद

आेलंपिक : इकोनाेमी क्‍लास में 36 घंटे की उड़ान, पैर भी नहीं फैला पाई दुती चंद

आेलंपिक में 100 मीटर की दौड़ में देश का प्रतिनिधित्‍व करने वाली धाविका दुती चंद दुती चंद ने कहा है कि उन्‍हें विमान के इकोनोमी क्‍लास में रियो तक की यात्रा के दौरान काफी परेशानी हुई।
गुजरात सरकार को झटका, कोर्ट ने सवर्ण आरक्षण पर लगाई रोक

गुजरात सरकार को झटका, कोर्ट ने सवर्ण आरक्षण पर लगाई रोक

गुजरात हाईकोर्ट ने अारक्षण पर गुजरात सरकार को एक बड़ा झटका दिया है। कोर्ट ने आनंदी बेन सरकार के उस फैसले पर रोक लगा दी है, जिसमें उन्होंने आर्थिक आधार पर सवर्णों को आरक्षण दिए जाने का प्रावधान किया था। सरकार ने आर्थिक आधार पर सवर्णों को 10 फीसदी आरक्षण देने का अध्यादेश जारी किया था, जिसे हाईकोर्ट में चुनौती दी गई है। अदालत ने इस याचिका के आधार पर सरकार के फैसले पर रोक लगा दी।
कसूर बस इतना कि दलित था और सवर्ण लड़की से प्रेम कर बैठा

कसूर बस इतना कि दलित था और सवर्ण लड़की से प्रेम कर बैठा

झूठी शान की खातिर हत्या करने के एक संदिग्ध मामले में नवी मुंबई में एक सवर्ण लड़की के परिवार वालों ने 16 साल के एक दलित लड़के की कथित तौर पर हत्या कर दी। लड़का सवर्ण लड़की से प्रेम करता था। पुलिस ने गुरुवार को बताया कि मामले के सिलसिले में सात लोगों को गिरफ्तार किया गया है। 17 साल की लड़की को भी हिरासत में लिया गया है।
एयर इंडिया: 90 मिनट से पहले मांसाहारी खाना नहीं

एयर इंडिया: 90 मिनट से पहले मांसाहारी खाना नहीं

घाटे में चल रहा सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया ने अपनी घरेलू उड़ानों में मांसाहारी भोजन नहीं परोसने का फैसला किया है। एक जनवरी से 90 मिनट की दूरी तक की यात्रा के दौरान एयर इंडिया अपनी उड़ानों में इकॉनमी क्लास के यात्रियों को मांसाहार भोजन नहीं देगा। राष्ट्रीय विमान सेवा कंपनी ने अपने दिन और रात्रि भोजन के मेन्यु से चाय और कॉफी दोनों को हटाने का भी फैसला किया है।
चतुर्भुज स्थान की दास्तां कोठागोई

चतुर्भुज स्थान की दास्तां कोठागोई

यह किस्सों का संकलन है। मुजफ्फरपुर बिहार में तवायफों की एक 100 साल से पुरानी बस्ती है चतुर्भुज स्थान, जो बहुत प्रसिद्ध रहा है। उसके 100 साल के इतिहास को जानने-समझने की एक विनम्र कोशिश है यह किताब। इसमें उनके उत्थान के किस्से हैं, उनके पतन की नजीरें हैं। कोठागोई का एक उद्देश्य है आज की पीढ़ी का परिचय कोठों की उस संस्कृति से करवाना जो कभी तहजीब का केंद्र होता था, बाद में उसका रूप, उसकी पहचान बदलती गई। इसमें उन किरदारों के सुख हैं, दुःख हैं, गीत है, संगीत है जिनको न इतिहास ने याद किया न संस्कृति के अलंबरदारों ने। इस किताब का प्रकाशन वाणी प्रकाशन से हो रहा है।
उच्‍च शिक्षा पर एक नया संकट

उच्‍च शिक्षा पर एक नया संकट

उच्च शिक्षा या शिक्षा मात्र विचारहीनता के संकट से गुजर रही है। अभी विश्वविद्यालय अनुदान आयोग ने सारे केन्द्रीय विश्वविद्यालयों को फरमान जारी किया है कि वे चयन आधारित क्रेडिट व्यवस्था वाले पाठ्यक्रम 2015-16 से लागू करें। यह एक असाधारण आदेश है। विश्वविद्यालयों में क्या पढ़ाया जाएगा, क्या नहीं, यह तय करना आयोग के अधिकार-क्षेत्र से बाहर है। फिर भी, न सिर्फ उसने यह हुक्म जारी किया है, बल्कि अपने वेबसाईट पर उसने अनेक विषयों के पाठ्यक्रम बनाकर लगा भी दिए हैं। विश्वविद्यालयों को कहा गया है कि वे इन्हें तुरंत लागू करें। इनमें बीस प्रतिशत की हेर-फेर करने की छूट उन्हें है। यह अभूतपूर्व है और विश्वविद्यालयों की स्वायत्तता में सीधा हस्तक्षेप है। मज़ा यह है कि आयोग यह नहीं बता रहा कि आखिर ये पाठ्यक्रम तैयार किन्होंने किए हैं! स्वाभाविक है कि उसके इस कदम का शिक्षकों की ओर से कड़ा विरोध हो रहा है।
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