एक बाद एक नई सफलता हासिल करने वाले भारत अंतरिक्ष संगठन इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने आज एक और मिसाइल का सफल परीक्षण कर कामयाबी हासिल की है।
इसरो ने जीएसएलवी मार्क 3 लांच कर विज्ञान के क्षेत्र में इतिहास रचा है, लेकिन क्या इस बार राष्ट्रपति पद के लिए इसरो के किसी वैज्ञानिक को उम्मीदवार बनाया जा सकता है? अटल बिहारी वाजपेयी के कार्यकाल में मिसाइल मैन अब्दुल कलाम का हवाला देते हुए राजनीतिक गलियारों में इस तरह की चर्चाएं चल रही हैं। ऐसा हुआ तो यह भी अपने आप में इतिहास ही होगा।
देश के चार बड़े और प्रमुख न्यायलयों में ऐसा पहली बार हुआ है जब मुख्य न्यायाधीश के पद पर महिलाएं काबिज हुई हैं। देश के चार बड़े हाईकोर्ट में बॉम्बे, मद्रास, कलकत्ता और दिल्ली शामिल हैं। 31 मार्च को इंदिरा बनर्जी के मद्रास हाईकोर्ट की चीफ जस्टिस बनते ही न्यायिेक सेवा में यह एक नया इतिहास बन गया है।
हिलेरी क्लिंटन के इतिहास रचने के करीब आकर चूकने के बाद मीडिया की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि कैलिफोर्निया की भारतीय मूल की अटॉर्नी जनरल कमला हैरिस में अमेरिका की पहली महिला राष्ट्रपति बनने की क्षमता है।
अमेरिका में भारतीय-अमेरिकी इतिहास बनाते दिख रहे हैं क्योंकि इस समुदाय से रिकॉर्ड संख्या में लोगों के इस बार के आम चुनाव में निर्वाचित होने की पूरी संभावना है। देश की आबादी में करीब एक प्रतिशत इस समुदाय के लोग हैं।
टैगोर परिवार की वंशज और सुप्रसिद्ध अभिनेत्री शर्मिला टैगोर के मुताबिक भारतीय इतिहास में भले ही टैगोर परिवार की महिलाओं का बहुत ही कम जिक्र किया गया है, लेकिन इन महिलाओं ने बहुत सी उपलब्धियां हासिल कीं।
स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद स्वयं को स्वतंत्र मान लेने वाली 562 रियासतों का एकीकरण करके सरदार बल्लभाई पटेल ने जो उपलब्धि हासिल की थी वह वैश्विक इतिहास में ऐसी अद्वितीय घटना है जिसके समक्ष बिस्मार्क भी बौने साबित होंगे। यह टिप्पणी सरदार पटेल पर लिखी एक पुस्तक में की गई है।
प्रसिद्ध इतिहासकार रामचंद्र गुहा ने कांग्रेस उपाध्यक्ष राहुल गांधी को रिटायर हो जाने की सलाह दी है। उन्होंने कहा है कि आने वाले कुछ सालों में भाजपा ही देश में इकलौती राष्ट्रीय पार्टी बनकर उभरेगी। जो काफी लोकप्रिय रहेगी। उन्होंने कहा कि कई लोग सोचते हैं कि कांग्रेस राष्ट्रीय राजनीति में फिर से वापसी कर सकती है। मगर ऐसा नहीं है।
रियो पैरालंपिक में भारतीय खिलाड़ियों ने उस समय इतिहास रच दिया जब मरियाप्पन थंगावेलू परालंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले तीसरे भारतीय बन गए जबकि वरूण भाटी ने टी42 ऊंची कूद में कांस्य पदक जीता।